जानिए, कश्मीर में लोगों से बात करने के बाद घाटी की स्थिति पर क्या बोले विदेशी राजनयिक?
श्रीनगर. जर्मनी, कनाडा, फ्रांस और अफगानिस्तान समेत 25 देशों के राजनयिक बुधवार को जम्मू-कश्मीर पहुंचे। यह प्रतिनिधिमंडल अनुच्छेद 370 हटाए जाने के छह महीने बाद जमीनी हालात का जायजा लेने पहुंचा है। पहले दिन सभी सदस्य श्रीनगर स्थित डल झील घूमने पहुंचे। यहां प्रतिनिधिमंडल ने किसानों, स्थानीय नेताओं और लोगों से भी बात की। आईए जानते हैं कि किस राजनयिक ने क्या कहा?
अफगानिस्तान के भारत में राजदूत ताहिर कादरी ने कहा, कश्मीर आना काफी शानदार है। लोगों द्वारा मेहमान नवाजी देख अच्छा लगा। हम यहां कुछ घंटों के लिए ही यहां आए थे। दुकानें खुली थीं, बच्चे स्कूल जा रहे थे। हमने सिविल सोसाइटी के सदस्यों से भी बात की, वे यहां शांति चाहते हैं।
डेनमार्क के भारत में राजदूत फ्रेडी स्वाने ने कहा, कश्मीर की यात्रा करना काफी अहम है। यदि आपने कश्मीरी लोगों की भविष्य के लिए अपेक्षाएं और इच्छाएं नहीं सुनी, तो आप उनके बारे में बातचीत नहीं कर सकते।
युगांडा उच्चायुक्त डिनाह ग्रेस अकेलो ने कहा, यह भारत का अहम भाग है। मैंने लोगों से बात कि वे इस क्षेत्र में विकास चाहते हैं। हमने खेल जगत के लोगों से बात की, आर्थिक विकास चाहने वालों से बात की। वे लोग चाहते हैं कि निवेशक यहां आएं। मुझे यहां आशाएं नजर आ रही हैं।
भारत में डोमिनिकन गणराज्य के राजदूत फ्रैंक हंस डेनबर्ग कैस्टेलानोस ने कहा, हम कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद सामान्य स्थिति को देखने आए थे। हमने देखा व्यापार हो रहा है, गलियां लोगों से भरी हैं। स्थिति सामान्य हो रही है। धीरे धीरे ही सही लेकिन स्थिति सामान्य हो रही है।
जर्मन राजदूत वाल्टर लिंडनर ने कहा, हम यहां आए और लोगों से बात करना चाहते हैं, अभी जल्दबाजी में दी प्रतिक्रिया सही नहीं होगी। तो हम पहले लोगों से बात करेंगे फिर इस बारे में बात करेंगे।
यहां प्रतिनिधिमंडल ने किसानों, स्थानीय नेताओं और लोगों से भी बात की। आईए जानते हैं कि किस राजनयिक ने क्या कहा?
पहले दिन सभी सदस्य श्रीनगर स्थित डल झील घूमने पहुंचे।