बात 8 दिसंबर, 1989 की है। केंद्र में वीपी सिंह की सरकार थी। मुफ्ती मोहम्मद सईद को केंद्रीय गृहमंत्री बने हफ्तेभर भी नहीं हुआ था। अचानक उन्हें खबर मिलती है कि आतंकवादियों ने उनकी बेटी का किडनैप कर लिया है। मंत्रीजी को 'काटो तो खून नहीं' वाली स्थिति हो गई। उनकी बेटी रुबिया सईद श्रीनगर के एक अस्पताल में MBBS पूरा करके इंटर्नशिप कर रही थीं। वो दोपहर करीब 3 बजे बस में बैठकर लालचौक से श्रीनगर के बाहर इलाके नौगाम की तरफ जा रही थी। बस में पहले से ही तीन आतंकी सवार थे। जैसे ही बस चानपूरा चौक पहुंची, आतंकियों ने बंदूक की नोक पर बस रुकवाई और रुबिया को नीले रंग की कार क्रमांक-जेकेई-7300 में जबरन बैठाकर ले गए थे। गृहमंत्री के इमोशन के आगे वीपी सिंह की सरकार को आतंकियों के आगे झुकना पड़ा और रुबिया सईद के बदले 5 आतंकी छोड़ने पड़े। अब 31 साल बाद सीबीआई ने टाडा कोर्ट में मुख्य आरोपी यासीन मलिक सहित दो दर्जन लोगों के खिलाफ टाडा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। हालांकि इनमें से कई आरोपी फरार हैं। पढ़िए पूरी कहानी...