आपको याद है, 1989 में वीपी सिंह की सरकार और आतंकियों की कार-JKE-7300 का क्या कनेक्शन था?

बात 8 दिसंबर, 1989 की है। केंद्र में वीपी सिंह की सरकार थी। मुफ्ती मोहम्मद सईद को केंद्रीय गृहमंत्री बने हफ्तेभर भी नहीं हुआ था। अचानक उन्हें खबर मिलती है कि आतंकवादियों ने उनकी बेटी का किडनैप कर लिया है। मंत्रीजी को 'काटो तो खून नहीं' वाली स्थिति हो गई। उनकी बेटी रुबिया सईद श्रीनगर के एक अस्पताल में MBBS पूरा करके इंटर्नशिप कर रही थीं। वो दोपहर करीब 3 बजे बस में बैठकर लालचौक से श्रीनगर के बाहर इलाके नौगाम की तरफ जा रही थी। बस में पहले से ही तीन आतंकी सवार थे। जैसे ही बस चानपूरा चौक पहुंची, आतंकियों ने बंदूक की नोक पर बस रुकवाई और रुबिया को नीले रंग की कार क्रमांक-जेकेई-7300 में जबरन बैठाकर ले गए थे। गृहमंत्री के इमोशन के आगे वीपी सिंह की सरकार को आतंकियों के आगे झुकना पड़ा और रुबिया सईद के बदले 5 आतंकी छोड़ने पड़े। अब 31 साल बाद सीबीआई ने टाडा कोर्ट में मुख्य आरोपी यासीन मलिक सहित दो दर्जन लोगों के खिलाफ टाडा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। हालांकि इनमें से कई आरोपी फरार हैं। पढ़िए पूरी कहानी...

Asianet News Hindi | Published : Jan 12, 2021 8:41 AM IST / Updated: Jan 12 2021, 02:12 PM IST

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आपको याद है, 1989 में वीपी सिंह की सरकार और आतंकियों की कार-JKE-7300 का क्या कनेक्शन था?

घटना के दो घंटे बाद जेकेएलएफ के जावेद मीर ने एक लोकल अखबार को फोन करके किडनैपिंग की जिम्मेदारी ली थी। बता दें कि यासीन मलिक जेकेएलएफ का प्रमुख है। 54 वर्षीय यासीन मलिक पहले आतंकवादी था। बाद में उसने सरेंडर कर दिया। अब वो राजनीति में सक्रिय है। इस पर मार्च, 2020 में एयर फोर्स के 4 जवानों की हत्या करने की चार्जशीट भी दाखिल की गई थी। यह हमला 1990 में हुआ था।
(तस्वीर-गिरफ्तारी के बाद यासीन मलिक और रिहाई के बाद पिता के साथ रुबिया)

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रुबिया को पांच आतंकवादी छोड़ने के बाद 13 दिसंबर, 1989 को छोड़ दिया गया था। बता दें रुबिया के पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद देश के पहले मुस्लिम गृहमंत्री बने थे। केंद्र सरकार के दबाव में आकर जम्मू-कश्मीर सरकार ने आतंकियों को छोड़ा था। तब फारुख अब्दुल्ला मुख्यमंत्री थे।
(वीपी सिंह सरकार में शपथ लेते मुफ्ती मोहम्मद सईद)

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पहले रुबिया को छोड़ने के एवज में 7 आतंकियों की रिहाई की मांग की गई थी। 13 दिसंबर, 1989 की सुबह दिल्ली से विदेश मंत्री इंद्रकुमार गुजराल और नागरिक उड्डयन मंत्री आरिफ मोहम्मद खान श्रीनगर पहुंचे थे। उनके साथ तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायण भी थे। ये सभी फारुख अब्दुल्ला से मिले और आतंकियों को छोड़ने की बात कही।
(रुबिया सईद की नई तस्वीर)

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फारुख अब्दुल्ला ने बाद में मीडिया से कहा था कि वे आतंकियों को छोड़ने को राजी नहीं थे। लेकिन आधी रात वीपी सिंह ने कॉल करके कहा कि वे टीम भेज रहे हैं। कृपया रुबिया को छुड़वाने में मदद करें।

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रुबिया की रिहाई के बाद मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कहा था कि वे एक पिता के तौर पर खुश हैं, लेकिन नेता के रूप में नाखुश। रुबिया को रिहाई के तत्काल बाद विशेष विमान से दिल्ली लाया गया। बता दें कि महबूबा मुफ्ती रुबिया की बड़ी बहन हैं।
(पिता और बहन के साथ रुबिया)

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