पुरातत्व से जुड़े मामलों की जानकार स्तंभकार मोनिदीपा बोस-डे के अलावा कइयों ने इस मूर्ति की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की है। इसे वितस्ता (झेलम) नदी से रेत से निकाली गई चतुर्व्यूह विष्णु मूर्ति बताया गया है। धार्मिक ग्रंथों में लिखा है कि चतुर्व्यूह श्री विष्णु के अवतार नहीं हैं। विष्णु के जो चार मुख हैं, वे हैं वासुदेव, संकर्षण, प्रद्युम्न और अनिरुद्ध। मोनिदीपा ने लिखा कि विष्णुधर्मत्तोरा के मुताबिक, चारों मुख चार गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं: बाल, ज्ञान, ऐश्वर्य और शक्ति।