कोई कहता माफ करो, कोई कहता मेरे पति की क्या गलती...नाराज निर्भया की मां का कूछ यूं छलका दर्द

नई दिल्ली. निर्भया के दोषियों को कल यानी 3 मार्च (मंगलवार) को सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाया जाना है। उससे पहले दोषी फांसी से बचने के लिए एक बार फिर जोर अजमाइश कर रहे हैं। दोषी अक्षय सिंह ने दिल्ली कोर्ट में डेथ वारंट पर रोक की मांग करते हुए याचिका दाखिल की है। जिस पर आज सुनवाई होनी है। इस पर निर्भया की मां ने एक बार फिर नाराजगी जाहिर करते हुए सवाल पूछा है। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 2, 2020 4:22 AM IST

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कोई कहता माफ करो, कोई कहता मेरे पति की क्या गलती...नाराज निर्भया की मां का कूछ यूं छलका दर्द
क्या कहा निर्भया की मां नेः निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, "मैं 7 साल 3 महीने से संघर्ष कर रही हूं। वो कहते हैं हमें माफ कर दो। कोई कहता है कि मेरे पति,बच्चे की क्या गलती है। मैं कहती हूं कि मेरी बच्ची की क्या गलती थी?
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सुप्रीम कोर्ट में सुनवाईः निर्भया के दोषी पवन ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की है। जिस पर आज यानी सोमवार को 5 जजों की बेंच बंद कमरे में सुनवाई करेगी। वहीं, दोषी के वकील एपी सिंह ने मांग की है कि मामले की सुनवाई ओपन कोर्ट में की जाए। दोषी की तरफ से वकील ने दलील दी है कि यह सजा-ए-मौत का मामला है और इस मामले की सुनवाई ओपन कोर्ट में होनी चाहिए। (फाइल फोटोः दोषियों के वकील एपी सिंह)
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उम्रकैद में बदलने की मांगः दोषी पवन ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दाखिल किया है। जिसमें पवन ने मांग किया है कि उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदला जाए। इसके साथ ही दोषी ने फिर दोहराया है कि घटना के दौरान वह नाबालिग था। गौरतलब है कि इससे पहले भी दोषी ने यह दावा किया था। लेकिन कोर्ट उसके इस दावे को खारिज कर दिया था। (फोटोः निर्भया के चारों दोषी, जिन्हें 3 मार्च को फांसी दी जानी है।)
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दो बार टल चुकी है फांसीः निर्भया के दोषियों को फांसी पर चढ़ाने के लिए अब तक 3 बार डेथ वारंट जारी किया जा चुका है। तीसरे डेथ वारंट के मुताबिक चारों दोषियों को 3 मार्च की सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाया जाएगा। दिल्ली के पटियाला कोर्ट ने सबसे पहले 7 जनवरी को डेथ वारंट जारी करते हुए 21 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी पर लटकाने का आदेश जारी किया। लेकिन दोषियों ने कानूनी अधिकारों का प्रयोग करते हुए इस डेथ पर रोक लगवा दी। (फोटोः निर्भया के चारों दोषियों की प्रोफाइल)
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17 फरवरी को जारी हुआ तीसरा डेथ वारंटः एक बार फिर कोर्ट ने 17 जनवरी को मौत का दूसरा पैगाम जारी किया। जिसमें चारों दोषियों को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी दिए जाने का फरमान जारी किया। लेकिन दोषियों ने फांसी से ठीक एक दिन पहले इस पर रोक लगवा दी। जिसके बाद कोर्ट ने तीसरी बार यानी 17 फरवरी को नया डेथ वारंट जारी किया। जिसमें दोषियों को 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाने का आदेश दिया है। (फाइल फोटोः निर्भया का दोषी)
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पवन के पास है कानूनी विकल्पः निर्भया मामले में चारों दोषियों में से केवल पवन गुप्ता के पास ही कानूनी विकल्प मौजूद हैं। बाकी तीन दोषी विनय शर्मा, मुकेश सिंह और अक्षय ठाकुर पहले ही सभी उपलब्ध विकल्पों का इस्तेमाल कर चुके हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट पवन की नाबालिग होने की याचिका और इस पर उसकी रिव्यू पिटीशन खारिज कर चुका है।
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क्या है पूरा मामलाः 16 दिसंबर, 2012 की रात दिल्ली में पैरामेडिकल छात्रा से 6 लोगों ने चलती बस में दरिंदगी की थी। गंभीर जख्मों के कारण 26 दिसंबर को सिंगापुर में इलाज के दौरान निर्भया की मौत हो गई थी। घटना के नौ महीने बाद यानी सितंबर 2013 में निचली अदालत ने 5 दोषियों (राम सिंह, पवन, अक्षय, विनय और मुकेश) को फांसी की सजा सुनाई थी। (फाइल फोटोः निर्भया के चारों दोषी जिन्होंने निर्भया के साथ की थी दरिंदगी)
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मार्च 2014 में हाईकोर्ट और मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी थी। ट्रायल के दौरान मुख्य दोषी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एक अन्य दोषी नाबालिग होने की वजह से 3 साल में सुधार गृह से छूट चुका है। (फाइल फोटोः निर्भया के दोषी क्रमशः विमय, पवन, अक्षय और मुकेश)
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