कोई डॉक्टर-कोई है पूर्व सांसद...ये हैं किसान आंदोलन के वो 8 बड़े चेहरे, जिनका खेती से नहीं है कोई वास्ता

नई दिल्ली. दिल्ली में हजारों किसान 17 दिन से आंदोलन कर रहे हैं। नए कृषि कानूनों को वापस लेने से लेकर अपनी तमाम मांगों को लेकर किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं। केंद्र सरकार और किसानों के बीच हुई 6 दौर की बातचीत भी विफल रही है। किसान सिर्फ एक ही मांग पर अड़े हैं कि कृषि कानून वापस लिए जाएं। इस बीच सरकार किसानों से बातचीत कर बीच का रास्ता निकालने की कोशिश में लगी है। यही नहीं आंदोलन के दौरान अब तक ठंड व बीमारी से 11 किसानों की मौत भी हो चुकी है। लेकिन आज हम आपको इस आंदोलन में किसानों की आवाज बुलंद कर रहे 8 लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका खेती- किसानी से कोई वास्ता नहीं है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 12, 2020 11:04 AM IST / Updated: Dec 12 2020, 04:41 PM IST
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कोई डॉक्टर-कोई है पूर्व सांसद...ये हैं किसान आंदोलन के वो 8 बड़े चेहरे, जिनका खेती से नहीं है कोई वास्ता

इस कड़ी में सबसे पहला नाम है दर्शन पाल का। दर्शन पाल क्रान्तिकारी किसान यूनियन, पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वह भाकपा (माओवादी) से संबद्ध है। वह मूलतः पटियाला के निवासी हैं, और पंजाब राज्य स्वास्थ्य विभाग में सेवानिवृत्त डॉक्टर हैं। वह AIKSCC के राज्य संयोजक भी हैं।
 

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स्वराज इंडिया के संयोजक योगेंद्र यादव भी इस आंदोलन में शामिल हैं। वह एक सामाजिक कार्यकर्ता और एक मनोरोग विज्ञानी है। हालांकि वह किसान प्रतिनिधि का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करते हुए, योगेंद्र किसानों के विरोध के साथ सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं और संयुक्त किसान मोर्चा के सक्रिय सदस्य हैं। वह AIKSCC के सह-संयोजक हैं और UGC और शिक्षा के अधिकार पर राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के पूर्व सदस्य हैं।

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कुलहिंद किसान संघर्ष समिति (AIKS) के सदस्य हन्नान मोल्लाह इस आंदोलन में खासे चर्चित रहे हैं। किसानों की मांगों को लेकर लगातार मीडिया में बने रहने वाले हन्नान मोल्लाह हावड़ा, पश्चिम बंगाल के निवासी हैं और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी( मार्क्सवादी) के पूर्व सांसद है। वह 1980 से 2009 तक संसद के सदस्य रहे। वह 1980 से 1991 तक DYFI के महासचिव भी रहे। वर्तमान में, हन्नान मोल्लाह AIKS के महासचिव और ऑल इंडिया एग्रीकल्चर वर्कर्स यूनियन के संयुक्त सचिव हैं।

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AIKSCC की सदस्य कविता कुरुगंती एक सामाजिक कार्यकर्ता है, जो दो एनजीओ चलाती हैं, इनके दोनों एनजीओ महिला किसान मंच और एलायंस फॉर सस्टेनेबल एंड होलिस्टिक एग्रीकल्चर हैं।

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भारतीय किसान यूनियन (DAKAUNDA) के सदस्य जगमोहन सिंह पटियाला भी इस आंदोलन में किसानों की आवाज बुलंद कर रहे हैं। वह कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े रहे हैं। वह पटियाला के निवासी हैं और एक एक्यूपंक्चर चिकित्सक है। जगमोहन पंजाब सरकार के सहकारिता विभाग में भी काम कर चुके हैं। 
 

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नव निर्माण विकास संगठन (NNVS) के सदस्य अक्षय कुमार इस आंदोलन में काफी चर्चा में रहे हैं। वह जगदीशपुर, ओडिशा के निवासी हैं। अक्षय कुमार एक सामाजिक कार्यकर्ता और अन्ना हजारे और मेधा पाटकर के करीबी सहयोगी हैं। वह पूर्व में नर्मदा बचाओ आंदोलन और आजादी बचाओ आंदोलन जैसे प्रमुख सामाजिक क्रांतियों का हिस्सा रहे हैं। अक्षय कुमार एनएनवीएस के राष्ट्रीय संयोजक हैं, जो नव निर्माण समिति के किसान मोर्चे से जुड़ी है। वह युवा भारती के पूर्व-संयोजक भी हैं। अक्षय कुमार संत विनोबा भावे के अनुयायी हैं और प्रिंट मीडिया, विशेषकर स्थानीय ओडिया दैनिक सांबाद और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, कनक न्यूज़ के साथ एक अच्छा तालमेल रखते हैं।
 

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कुलहिंद किसान महासंघ के सदस्य किरनजीत सेखो भी इस आंदोलन का प्रमुख अंग हैं। वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) से जुड़े हैं। पेशे से वह एक वकील हैं।

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कुलहिंद किसान महासंघ से जुड़े प्रेम सिंह बन्नु भी किसान आंदोलन में प्रमुख भूमिका में हैं। वह भी पेशे से वकील हैं।

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