इस सुरंग को बनाने का फैसला 3 जून 2000 को लिया गया था। उस वक्त अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। सुरंग के दक्षिणी हिस्से को जोड़ने वाली सड़क की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी। टनल का शिलान्यास 2010 में हुआ था। इसे 2015 तक बनाने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन कई चुनौतियों के चलते इसे बनाने में 10 साल का वक्त लग गया।