जानिए 26 फरवरी को ही क्यों की गई थी एयरस्ट्राइक, मिराज से क्यों किया गया हमला... Balakot Inside story

नई दिल्ली. 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। ऐसे में इन जवानों की शहादत को लेकर पूरे देश में गुस्सा था। भारतीय एयरफोर्स ने 26 फरवरी को बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर पाकिस्तान की इस हरकत का जवाब दिया। वायुसेना ने बालाकोट में स्थिति जैश के आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। ऑपरेशन के वक्त एयरफोर्स की वेस्टर्न कमांड के हेड एयर मार्शल सी हरि कुमार थे। वे अब रिटायर हो चुके हैं। उन्होंने बताया था कि कैसे इस हमले की योजना बनाई गई थी और कैसे बालाकोट को चुना गया। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 26, 2021 4:47 AM IST
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जानिए 26 फरवरी को ही क्यों की गई थी एयरस्ट्राइक, मिराज से क्यों किया गया हमला... Balakot Inside story

रॉ ने निभाई अहम भूमिका
एयर मार्शल सी हरि कुमार ने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में बताया था कि बालाकोट के वक्त खुफिया एजेंसी रॉ ने शानदार काम किया। उन्होंने बताया था कि बालोकोट पर रॉ ने जो खुफिया जानकारी दी थी, वह सटीक और बेहतरीन थी। उस वक्त जिस कॉरडिनेट्स की जरूरत थी, वह रॉ ने अच्छे से किया। उन्होंने कहा, रॉ की जानकारी के बाद हम निश्चित तौर पर आगे बढ़ रहे थे, साथ ही ISR प्लेटफार्म और सैटेलाइट के जरिए पुष्टि भी कर रहे थे।

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बालाकोट को क्यों चुना गया?
इंटेलिजेंस ने बालाकोट के बारे में जानकारी दी थी। बताया गया था कि यहां जैश के आतंकी कैंप मौजूद हैं। एयर मार्शल सी हरि कुमार ने बताया कि इसी के बाद हमने टारगेट फिक्स कर लिया तो उसके बाद हमने उसके बारे में और जानकारी इकट्ठी करनी शुरू की।

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 मिराज को क्यों चुना गया?
इस सवाल पर उन्होंने बताया कि बालाकोट की जब दूरी देखी गई तो यह एलओसी से 50 किमी दूर थी। साथ ही मिराज ही ऐसा विमान था, जिससे हम इतनी दूरी तक स्पाइस बम और क्रिस्टल मेज मिसाइल दोनों ले जा सकते थे।

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26 को ही क्यों की गई एयरस्ट्राइक?
पूर्व एयर मार्शल सी हरि कुमार ने बताया, 'हमने 18 फरवरी को टारगेट तय कर लिए थे। लेकिन हमले की तारीख 26 फरवरी चुनी। क्योंकि 26 फरवरी को मेरा जन्मदिन था। मैं सोचा यह शानदार रहेगा। साथ ही यह भी जरूरी था कि यह हमला एयरो इंडिया के बाद किया जाए, क्यों कि उस वक्त भारत में कई विदेशी लोग भी थे।
 

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क्या था 'बंदर'?
उन्होंने बताया, यह ऑपरेशन की सफलता बताने के लिए कोड वर्ड रखा गया था। 25 फरवरी को मेरी फेयरवेल चल रही थी। उस वक्त वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने मुझसे अकेले में पूछा कि सब कुछ ठीक चल रहा है। उन्होंने कहा, ऑपरेशन सफल हो जाए और सभी सुरक्षित लौट आएं तो कॉल करके 'बंदर' कहना। बंदर को सफल मिशन का कोडवर्ड रखा गया था।

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उड़ान भरने के लिए ग्वालियर ही क्यों चुना गया?
उन्होंने बताया, हमने मिराज को ग्वालियर से उड़ाया। उन्होंने कहा, हमारे पास वेस्टर्न कमांड तक विमान लाने का एक और विकल्प था, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया, ताकि सब कुछ सामान्य बना रहे। हम ग्वालियर से उड़ान भर बरेली सेक्टर पहुंचे। यहां से पहाड़ों के बीच होते हुए श्रीनगर के उत्तर से बालाकोट पर हमला किया।
 

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