कोरोना है या फ्लू, सर्दियों में कैसे करें पता? जानें ये 2 बड़े लक्षण, जो बताएंगे फर्क

नई दिल्ली. कोरोना महामारी से दुनिया भर के सैकड़ों देश प्रभावित हैं। इस बीमारी से निजात पाने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक और डॉक्टर्स वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं। भारत में अब धीरे-धीरे कोरोना पॉजिटिव केस में गिरावट आ रही है। भारत में रिकवरी रेट करीब 82 प्रतिशत तक पहुंच गया है। पिछले 24 घंटे में 85,362 नए केस सामने आए हैं और 1089 लोगों की मौत हुई। ऐसे में अब मौसम भी करवट बदल रहा है। धीरे-धीरे सर्दियां आने लगी है। सर्दियों में सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा हो रहा है कि फ्लू और कोविड-19 के इंफेक्शन में कैसे अंतर करें?

Asianet News Hindi | Published : Sep 26, 2020 7:15 AM IST
18
कोरोना है या फ्लू, सर्दियों में कैसे करें पता? जानें ये 2 बड़े लक्षण, जो बताएंगे फर्क

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि सर्दियों में कोविड-19 और फ्लू इंफेक्शन (Covid-19 and flu infection) का कॉम्बिनेशन इंसान के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। फ्लू और कोविड-19 के लक्षण (Covid-19 Symptoms) देखकर इनमें फर्क ढूंढ पाना बहुत ही मुश्किल काम है। दोनों बीमारियों के लक्षण लगभग एक जैसे ही हैं। सिर्फ टेस्ट के जरिए ही ये बताना संभव है कि वास्तव में इंसान किस बीमारी का शिकार है।

28

कोविड-19 और फ्लू (Coronavirus and flu) दोनों में ही बदन दर्द, गले में दर्द, बुखार, खांसी, सांस की तकलीफ, थकावट और सिरदर्द जैसे तमाम लक्षण देखने को मिलते हैं। हालांकि, वैज्ञानिक दावा करते हैं कि सिर्फ दो लक्षण देखकर आप कोविड-19 और फ्लू के बीच फर्क को पहचान सकते हैं।

38

मीडिया रिपोर्ट्स में डॉक्टर्स के हवाले से कहा जा रहा है कि आमतौर पर फ्लू इंफेक्शन में व्यक्ति एक सप्ताह के भीतर बीमार दिखने लगता है। जबकि कोविड-19 में दो से तीन सप्ताह या इससे ज्यादा समय के लिए भी बीमार पड़ सकते हैं। दुनियाभर में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां तीन हफ्ते बीतने के बाद भी लोग रिकवर नहीं हो पाए हैं।

48

कोविड-19 के मरीजों को लेकर रिपोर्ट्स में बताया जाता है कि वो सूघने और स्वाद की पहचान करने की शक्ति खो बैठता है। जबकि फ्लू होने पर ऐसा कभी नहीं होता है। हालांकि, कोरोना से संक्रमित होने पर सभी मरीजों में ऐसे लक्षण नहीं देखने को मिले हैं। 

58

बॉस्टन के हार्वर्ड मेडिकल हॉस्पिटल और स्कूल के डॉ. डेनियल सोलोमॉन के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि ऐसा भी संभव हो सकता है कि व्यक्ति एक ही समय में दोनों बीमारियों की चपेट में आ जाए। ऐसे में आपको एक की बजाय दोनों बीमारियों के टेस्ट करवाने पड़ सकते हैं। अगर आप एक ही टेस्ट करवाने की सोच रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि आपके इलाके में कौन से वायरस का खतरा ज्यादा फैल रहा है।

68

'पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड' (PHE) की रिपोर्ट के मुताबिक बताया जा रहा है कि कोविड-19 और फ्लू का इंफेक्शन एकसाथ होने पर इंसान की मौत का खतरा लगभग डबल (Coronavirus death risk) हो जाता है। PHE की रिपोर्ट कहती है कि 20 जनवरी से 25 अप्रैल के बीच देश में 20,000 ऐसे मामले दर्ज किए गए, जहां मरीज फ्लू और कोविड-19 दोनों से संक्रमित पाए गए थे। इनमें से ज्यादातर मरीजों की हालत काफी गंभीर थी। इंफेक्शन के इस कॉम्बिनेशन से यहां 43% लोगों की मौत हुई थी।
 

78

डॉ. सोलोमॉन के हवाले से कहा जा रहा है कि इंफ्लूएंजा का कम्यूनिटी ट्रांसमिशन अभी तक नहीं देखा गया है, इसलिए फ्लू की बड़े पैमाने पर टेस्टिंग नहीं की जा रही है। फ्लू और कोविड-19 दोनों ही मुंह और नाक से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स के जरिए फैलते हैं। दोनों ही इंसान को बीमार करने से पहले ही संक्रमित कर देते हैं।

88

रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि फ्लू का इंफेक्शन होने पर इंसान एक से चार दिनों के भीतर बीमार पड़ने लगता है। जबकि कोरोना वायरस के लक्षण नजर आने में 2 से 14 दिनों तक का समय लग सकता है। फ्लू का इलाज वायरस की नस्ल के अनुरूप होता है। जबकि, कोरोना वायरस की अभी तक कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं हुई है। दुनियाभर में कई वैक्सीन पर ट्रायल अभी जारी है। वैक्सीन की रेस में रूस की वैक्सीन सबसे आगे बताई जा रही है। 

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos