द्रौपदी मुर्मु को यहां मिला महज 1 वोट, यशवंत सिन्हा की 3 राज्यों में नहीं हुई बोहनी, देखिए लिस्ट कहां-कौन भारी

नई दिल्ली। देश को नया राष्ट्रपति (President of India) मिल गया। जीत की तस्वीर साफ होते ही पूरे देश, विशेषकर आदिवासी क्षेत्रों में जश्न का माहौल है। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के ओडिशा स्थिति गांव पहाड़पुर में तो कई दिनों से जश्न मनाया जा रहा है। पारंपरिक नृत्य-संगीत और पूजा-पाठ का दौर चल रहा है। रायसीना हिल का सफर तय करते हुए ओडिशा की आदिवासी महिला Draupadi Murmu देश की प्रथम व्यक्ति बन चुकी हैं। जीत के ऐलान के बाद पूरा देश जश्न में डूबा हुआ है। आईए जानते हैं कि किसको कितना वोट मिला। किस राज्य में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति को मिले केवल एक वोट?

Dheerendra Gopal | Published : Jul 21, 2022 6:52 PM IST / Updated: Jul 22 2022, 12:26 AM IST
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द्रौपदी मुर्मु को यहां मिला महज 1 वोट, यशवंत सिन्हा की 3 राज्यों में नहीं हुई बोहनी, देखिए लिस्ट कहां-कौन भारी

ओडिशा का मयूरभंज जिला अब राष्ट्रीय सुर्खियों का केंद्र है। जिले के पहाड़पुर गांव की द्रौपदी मुर्मु देश की पहली आदिवासी महिला, प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया होंगी। द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति होंगी। वे इस सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। गुरुवार को हुई काउंटिंग में NDA की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मु ने संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को तीसरे राउंड की गिनती में ही हरा दिया।
 

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मुर्मू को जीत के लिए जरूरी 5 लाख 43 हजार 261 वोट तीसरे राउंड में ही मिल गए। थर्ड राउंड में उन्हें 5 लाख 77 हजार 777 वोट मिले। यशवंत सिन्हा इस राउंड में 2 लाख 61 हजार 62 वोट ही जुटा सके। इसमें राज्यसभा और लोकसभा के सांसदों समेत 20 राज्यों के वोट शामिल थे। 
 

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चौथे राउंड में समाप्त हुई गिनती

राष्ट्रपति चुनाव के वोटों की गिनती गुरुवार देर रात 4 राउंड में पूरी हुई। कुल 4754 वोट पड़े थे। गिनती के वक्त 4701 वोट वैध और 53 अमान्य पाए गए। कुल वोटों का कोटा 5,28,491 था। इसमें द्रौपदी मुर्मू को कुल 2824 वोट मिले। इनकी वैल्यू 6 लाख 76 हजार 803 थी। यशवंत सिन्हा को कुल 1877 वोट मिले, जिनकी वैल्यू 3 लाख 80 हजार 177 रही। 
 

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मुर्मू को केरल से सिर्फ एक

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को केरल से सबसे कम सिर्फ एक वोट मिले। जबकि केरल में यशवंत सिन्हा को 139 वोट मिले। केरल में 140 वोट था। मुर्मु को यूपी से सबसे ज्यादा 287 वोट मिले। जबकि सिन्हा को 111 वोट मिले। यहां 401 वोट थे।
 

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यशवंत सिन्हा को 3 राज्यों से एक भी वोट नहीं

यशवंत सिन्हा को आंध्र प्रदेश, नागालैंड और सिक्किम से एक भी वोट नहीं मिले। नागालैंड में सभी 59 वोट व सिक्किम में सभी 32 वोट द्रौपदी मुर्मु को मिले। आंध्र प्रदेश का भी 173 वोट मुर्मु को ही मिला।
 

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यशवंत सिन्हा को सबसे अधिक वोट पश्चिम बंगाल से मिले

यशवंत सिन्हा को सबसे अधिक वोट पश्चिम बंगाल से मिला। उन्हें सबसे ज्यादा 216 वोट पश्चिम बंगाल से मिले। 
 

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द्रौपदी मुर्म ने बटोरे 64 प्रतिशत से अधिक वोट

इस बार राष्ट्रपति चुनाव में वोट प्रतिशत में निर्वाचित राष्ट्रपति को हारे प्रत्याशी के मिले वोटों के दुगुने से थोड़ा कम वोट मिले। वोट प्रतिशत की बात करें तो द्रौपदी मुर्मू को 64% और यशवंत सिन्हा को 36% वोट मिले।
 

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ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से करीब 280 किलोमीटर दूर उपरबेडा में मुर्मू का घर है। यहां मतगणना शुरू होने से पहले ही लोग जश्न के मूड में थे। द्रौपदी मुर्मू की जीत के बाद ग्रामीण पूरे गांव में लड्डू बांटा गया। इसके लिए लगभग 20,000 लड्डू तैयार किए गए थे।

हार के बाद यशवंत सिन्हा ने लेटर लिखकर दी बधाई

द्रौपदी मुर्म की जीत के बाद रनरअप यशवंत सिन्हा ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति को बधाई दी है। उन्होंने लिखा...मैं श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव 2022 में उनकी जीत पर दिल से बधाई देता हूं। मुझे उम्मीद है कि वास्तव में, हर भारतीय उम्मीद करता है-कि भारत के 15 वें राष्ट्रपति के रूप में वह बिना किसी डर या पक्षपात के संविधान के संरक्षक के रूप में कार्य करें।

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द्रौपदी मुर्मु की जीत को आदिवासी, शोषित व वंचित समाज की जीत के रूप में देखा जा रहा है। आदिवासी क्षेत्रों के लोग बेहद खुश हैं। द्रौपदी मुर्मू रायरंगपुर में पार्षद बनने से पहले एक स्कूली शिक्षिका थीं। वह दो बार विधायक और मंत्री भी बनीं। उन्हें 2016 में झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया था।

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द्रौपदी मुर्मू का जन्म ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में 20 जून, 1958 को हुआ था। वह आदिवासी संथाल परिवार से आती हैं। उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू था। द्रौपदी मुर्मू की शादी 1980 में श्याम चरण मुर्मू से हुई। उनके 4 बच्चे (दो बेटे और दो बेटी) हुए, जिनमें से अब सिर्फ एक बेटी ही बची है। मुर्मू के पति के अलावा दो बेटे और एक बेटी अब इस दुनिया में नहीं हैं।

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गांव के लोगों को विकास की उम्मीद

गांव पहाड़पुर में सिर्फ आठवीं कक्षा तक का स्कूल है। यहां की महिलाओं का कहना है कि बड़े बच्चों को तीन किलोमीटर दूर बादामपहाड़ जाना पड़ता है, जहां दो कॉलेज के अलावा एक हायर सेकेंडरी स्कूल है। 34 वर्षीय रुक्मणी मुमरू सरपंच हैं। उन्हें उम्मीद है कि सुश्री मुर्मू के राष्ट्रपति बनने के बाद नियमित पेयजल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा यहां जल्द ही और भी स्कूल होंगे। साथ ही उसकी इच्छा सूची में एक बस है जो लड़कियों को बादामपहाड़ में आगे की पढ़ाई के लिए ले जा सकती है।

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