गुमनाम रहकर बाढ़ में फंसे लोगों के लिए मसीहा बना था ये IAS, अब इस वजह से फिर आया चर्चा में
प्रयागराज. पूर्व आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन एक बार फिर चर्चा में हैं। उन्हें प्रयागराज में पुलिस ने एयरपोर्ट पर हिरासत में ले लिया। कन्नन शनिवार को यहां 'नागरिकता बचाओ, संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ' के मुद्दे पर एक कार्यक्रम को संबोधित करने पहुंचे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन अखिल भारतीय जनवादी मंच ने किया था।
गोपीनाथन ने यह जानकारी खुद ट्वीट कर दी। उन्होंने लिखा, जब मैं एयरपोर्ट से बाहर निकल रहा था, तो कुछ पुलिसकर्मी मेरे पास आए, उन्होंने मेरा नाम पूछा। जब मैंने अपना नाम बताया तो वे मुझे वीआईपी लाउंज लेकर आए, यहां से मुझे किसी सिक्योरिटी कमरे में ले जाया गया।
उन्होंने लिखा, पुलिस ने मुझसे मेरे आगे के प्लान के बारे में पूछा। जब मैंने बताया कि बोकारो से मेरी फ्लाइट दिल्ली के लिए है, तो उन्होंने मुझे वापस फ्लाइट से दिल्ली भेज दिया।
वे अपने आप ही वापस लौटे- यूपी पुलिस: वहीं, प्रयागराज पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेने की बात से इनकार किया है। पुलिस का कहना है कि हमने उन्हें बताया था कि शहर का माहौल शांत है। इसके बाद उन्होंने खुद ही जानें का फैसला किया।
गोपीनाथन पिछले साल अगस्त में चर्चा में आए थे। जब उन्होंने आर्टिकल 370 हटाने के विरोध में पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने इसे कश्मीर के लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन बताया था। हालांकि, बाद में सामने आया था कि उनके खिलाफ गृह मंत्रालय ने कर्तव्यों का पालन नहीं करने और काम में ढील बरतने को लेकर जुलाई में ही एक नोटिस जारी किया था। वे उस वक्त दमन और दीव के अलावा दादरा और नागर हवेली के बिजली विभाग में सचिव के रूप में तैनात थे।
अगस्त 2018 में केरल में बाढ़ आई थी। तब गोपिनाथन दमन और दीव में पदस्थ थे। उस वक्त वे मदद के लिए केरल आए थे। दरअसल, वे केरल के ही रहने वाले हैं। उन्होंने बिना अपनी पहचान बताए, बाढ़ में फंसे लोगों की मदद की।
उन्होंने केरल के सीएम पी विजयन को बाढ़ राहत कोश में एक करोड़ का चेक भी दिया था।