6 मार्च, 2017 को 30 साल की देशभक्ति-सेवा के बाद रिटायर्ड हुए भारतीय नौसेना के ताकतवर विमान वाहक पोत (Aircraft carrier) आईएनएस विराट की जिंदगी पर मंडरा रहा खतरा टल गया है। सुप्रीम कोर्ट ने विराट को तोड़ने पर रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ ने एनविटेक मरीन कंसल्टेंट्स प्रालि. कंपनी की एक याचिका के बाद यह फैसला सुनाया। विराट को संग्रहालय में बदलने का सुझाव दिया गया है। इसके एवज में इसे खरीदने वाली कंपनी को 100 करोड़ का भुगतान करना होगा। विराट को गुजरात स्थित अलंग में तोड़कर कबाड़ में बेचा जाना था। सितंबर, 2020 में जब विराट को मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से गुजरात के लिए अंतिम सफर के लिए रवाना किया गया था, तब उसे पूर्व नौसेनिकों ने भावभीनी विदाई दी थी। पढ़िए विराट के गौरव की कहानी...