पार्थिव शरीर को आम लोगों के दर्शन के लिए घर के बाहर रखा गया। ग्रुप कैप्टन की मां ने उनको आशीर्वाद दिया। उनकी आंखों में आंसू थे और गर्व भी। कैप्टन की मां उमा सिंह ने बहू गीतांजलि सिंह के बेटे की कैप सौंपी, उन्हें हिम्मत दी और कहा तू ही सबसे बड़ी वीरांगना है।