राजाओं के समय से ही इस नस्ल के कुत्तों का इस्तेमाल शिकार करने के लिए हो रहा है। माना जाता है कि मुधोल हाउंड को सबसे पहले मुधोल के राजा मालोजीराव घोरपड़े ने पाला था। इस इलाके के आदिवासी पहले इस कुत्ते को अपने साथ रखते थे। राजा ने कुत्तों के गुणों को देखा तो उसे पालने और चुनिंदा रूप से प्रजनन कराने का फैसला किया। कहा जाता है कि राजा ने इंग्लैंड की यात्रा के दौरान किंग जॉर्ज पंचम को इन कुत्तों की एक जोड़ी भेंट की थी, जिसके बाद इस नस्ल को मुधोल हाउंड का नाम मिला।