Nagaland Firing: उग्रवादियों की घेराबंदी में कहां चूक हुई; नागालैंड फायरिंग को लेकर पुलिस V/s सेना

नई दिल्ली. 4 दिसंबर को नागालैंड में (Nagaland Firing)  सुरक्षाबलों की फायरिंग में हुई 17 लोगों(अब तक) की मौत का मामला गर्माया हुआ है। इस मामले में जांच के लिए SIT का गठन किया गया है। वहीं, विपक्षी दल भी सरकार पर आक्रामक है। तृणमूल कांग्रेस(TMC) अपना एक प्रतिनिधिमंडल नागालैंड भेज रहा है। इस घटना में खुफिया एजेंसियों की असफलता बताई जा रही है। खुफिया एजेंसियों ने सेना को प्रतिबंधित संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-के (एनएससीएन-के) के युंग ओंग धड़े के उग्रवादियों की मौजूदगी की सूचना दी थी। इसके बाद सेना ने मोन जिले के एक गांव को घेर लिया। इसके बाद लोगों ने सेना पर हमला किया। जवाबी कार्रवाई में 14 लोगों की मौत हो गई। इस घटना के विरोध में नागालैंड में प्रदर्शन हो रहे हैं। लोगों ने कैंडल मार्च निकाला। इस बीच सोम पुलिस ने स्वत: संज्ञान(Suo Motu) लेते हुए 6 दिसंबर को 21 पैरा मिलिट्री के खिलाफ FIR दर्ज की है। नागालैंड सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायत देने का ऐलान किया है। इधर,ओटिंग विलेज स्टूडेंट्स यूनियन (OVSU) सहित विभिन्न नागा संगठनों ने दावा किया कि 8 कोयला खनिक तिरु कोल माइन से एक पिकअप वैन में लौट रहे थे, जब उन्हें निशाना बनाया गया। नागा स्टूडेंट्स फेडरेशन (NSF) ने प्रदेश में पांच दिनों के शोक का ऐलान किया है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 6, 2021 5:18 AM IST / Updated: Dec 06 2021, 01:15 PM IST

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Nagaland Firing: उग्रवादियों की घेराबंदी में कहां चूक हुई; नागालैंड फायरिंग को लेकर पुलिस V/s सेना

सेना को सूचना मिली थी कि विद्रोही गुट के आतंकवादी कहीं जा रहे हैं। पुलिस भी मानती है कि यह गलत सूचना थी। इसके बाद के दंगों में 17 लोगों की मौत हो गई। हालांकि सेना का तर्क है कि स्थानीय लोगों ने उग्रवादियों को बचाने सेना पर हमला किया। ये लोग समय-समय पर नागा विद्रोहियों का समर्थन करते रहे हैं।

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इस घटना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश भी दिया गया है। वहीं प्रदेश सरकार ने IGP की अगुवाई में एक 5 सदस्यीय विशेष जांच दल(SIT) का गठन भी किया है। रक्षा जनसंपर्क अधिकारी (कोहिमा) लेफ्टि. कर्नल सुमित शर्मा के अनुसार उग्रवादियों की संभावित गतिविधियों की विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर इलाके में विशेष अभियान चलाया गया था। 

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मंत्री पैवांग कोन्याक(Paiwang Konyak), नागालैंड के आयुक्त, महानिदेशक, डीसी और अधिकारियों ने असम नागालैंड सीमा के पास ओटिंग तिरु, तिज़ित में घटनास्थल का दौरा किया जहां नागरिक मारे गए थे। इस बीच, सरकार ने फायरिंग की घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल, एसआईटी का गठन किया है।

नागालैंड के स्वास्थ्य मंत्री एस पांगन्यू फोम(S Pangnyu Phom) ने ओटिंग फायरिंग के घायल मरीजों से मिलने के लिए रेफरल अस्पताल, दीमापुर का दौरा किया, जिन्हें दीमापुर ले जाया गया। मंत्री ने कहा, "हम इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं।

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मंत्री पैवांग कोन्याक(Paiwang Konyak), नागालैंड के आयुक्त, महानिदेशक, डीसी और अधिकारियों ने असम नागालैंड सीमा के पास ओटिंग तिरु, तिज़ित में घटनास्थल का दौरा किया जहां नागरिक मारे गए थे। इस बीच, सरकार ने फायरिंग की घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल, एसआईटी का गठन किया है।

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लोकसभा सांसद तोखेहो येप्थोमी(Tokheho Yepthomi) ने कहा-ऐसा कहा जाता है कि सुरक्षा बलों को विद्रोही समूहों की आवाजाही के बारे में कुछ जानकारी मिली थी, मैं पूरी तरह से इनकार नहीं कर सकता, लेकिन अगर ऐसी जानकारी भी होती तो सुरक्षा बलों को सावधानीपूर्वक जांच करनी चाहिए थी।

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नागालैंड के राज्यपाल जगदीश मुखी(Jagdish Mukhi) ने कहा-4 दिसंबर की शाम को मोन जिले के अंतर्गत ओटिंग और तिरु गांव के बीच एक बिंदु पर ग्रामीणों पर गोलीबारी की घटना की निंदा की। राजभवन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि SIT इस घटना की हर एंगल से जांच करेगी।

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