8 Photos: ट्विन टावर गिरने के बाद कैसा है आसपास का नजारा, आधा KM तक बिल्डिंगों में चढ़ी धूल की परत

Published : Aug 28, 2022, 06:26 PM ISTUpdated : Aug 28, 2022, 07:16 PM IST

Supertech Twin Tower Demolition: नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावर को 28 अगस्त की दोपहर ढाई बजे जमींदोज कर दिया गया। 12 सेकंड के अंदर दोनों टॉवर ताश के पत्तों की तरह भरभरा कर ढह गए। इसके बाद चारों तरफ धूल का गुबार था। कुछ घंटे बाद जब धूल कम हुई तो टावर की जगह 50 से 60 फीट ऊंचा मलबे का ढेर बिखरा हुआ था। इसके अलावा टॉवर के आसपास की बिल्डिंग्स और कॉलोनियों में धूल की मोटी परत जम चुकी है। जिन इमारतों को पर्दों से ढका गया था वे बिल्कुल सीमेंट की चादरों की तरह नजर आ रही हैं। तस्वीरों में देखते हैं टॉवर गिरने के बाद कैसा है नजारा। 

PREV
18
8 Photos: ट्विन टावर गिरने के बाद कैसा है आसपास का नजारा, आधा KM तक बिल्डिंगों में चढ़ी धूल की परत

सिर्फ 12 सेकेंड में सुपरटेक के दोनों टावर ढहा दिए गए। इसके बाद NDRF की टीम ने वाटर फॉगिंग की, जिससे धूल का गुबार कम हुआ। 

28

दोपहर 2.30 बजे एक बटन दबी और दोनों टावर देखते ही देखते मलबे के ढेर में तब्दील हो गए। इस दौरान करीब 3700 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया। 

38

बता दें कि ये ट्विन टावर 300 करोड़ की लागत से बने थे। हालांकि, आज की तारीख में इनकी कीमत करीब 800 करोड़ रुपए तक पहुंच गई थी।

48

ब्लास्ट के बाद इलाके में पॉल्यूशन लेवल को जांचने के लिए स्पेशल डस्ट मशीन लगाई गई हैं। इसके साथ ही ट्विन टावर के आसपास की बिल्डिंग्स पर जमा धूल हटाई जा रही है।

58

बता दें कि सुपरटेक ट्विन टावर में 711 लोगों ने फ्लैट्स बुक कराए थे। इनमें से 652 लोगों का पैसा रिफंड किर दिया गया है, जबकि 59 लोगों का अब भी बकाया है। ग्राहकों को बुकिंग अमाउंट और ब्याज के साथ पैसा दिया गया है। 

68

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्विन टावर्स को गिराने में करीब 17.50 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह खर्च भी सुपरटेक बिल्‍डर से ही वसूला जाएगा। इन दोनों टावर्स को बनाने में बिल्‍डर ने करीब 300 करोड़ रुपए खर्च किए थे।

78

इस बिल्डिंग को बनाने वाले सुपरटेक बिल्डर (Supertech) के खिलाफ एमराल्ड कोर्ट के खरीदारों ने अपने खर्च पर एक लंबी लड़ाई लड़ी। इसके बाद कोर्ट ने ट्विन टावर को गिराने का फैसला सुनाया। 

88

2014 में हाईकोर्ट ने इन टॉवर को गिराने का आदेश दिया था। इसके बाद 32 मंजिल पर ही इसका काम रुक गया। लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुपरटेक बिल्डर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट से भी उसे राहत नहीं मिली और बिल्डिंग को गिराने के आदेश दिए गए। 

ये भी देखें : 
300 Cr में बने टॉवर्स को गिराने में खर्च हुए इतने करोड़, जानें कितने फ्लैट थे बुक और कितनों को मिला रिफंड

कुतुब मीनार से भी ऊंचे थे नोएडा के ट्विन टॉवर, 5 स्टेप्स में समझें कैसे 12 सेकंड में जमींदोज हो गईं इमारतें

 

Recommended Stories