Published : May 22, 2020, 03:48 PM ISTUpdated : May 23, 2020, 11:43 AM IST
कोलकाता. बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवात तूफान अम्फान का कहर प बंगाल और ओडिशा में जारी है। तूफान में बारिश, भूस्खलन जैसी घटनाओं की चपेट में आकर अब तक 76 की मौत हो गई है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को प बंगाल और ओडिशा में तूफान से हुए नुकसान का जायजा लिया। इतना ही नहीं उन्होंने तूफान की चपेट में आए क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया। इस दौरान उन्होंने अम्फान के कहर की दर्दनाक तस्वीरें भी देखीं। इन्हें देखकर पीएम मोदी ने प बंगाल को 1 हजार करोड़ रुपए की आर्थिक मदद का ऐलान भी किया। आइए देखते हैं कि राज्य में किस तरह से अम्फान तूफान ने 2 दिन के भीतर कहर बरपाया है।
पीएम मोदी शुक्रवार को नुकसान का जायजा लेने कोलकाता पहुंचे। यहां प बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धांकड़ ने उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने बंगाल और ओडिशा का हवाई दौरा कर नुकसान का जायजा लिया।
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सर्वेक्षण के बाद पीएम मोदी ने तूफान ने प्रभावित प बंगाल को 1000 करोड़ रुपए की अग्रिम सहायता का ऐलान किया।
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इसके अलावा पीएम ने कहा, तूफान में मारे गए लोगों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक मदद का ऐलान किया।
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पीएम मोदी ने कहा, अम्फान प्रभावित क्षेत्रों की वर्तमान स्थिति के कारण हुए नुकसान के बारे में विस्तृत सर्वेक्षण करने के लिए केंद्रीय सरकार द्वारा एक टीम भेजी जाएगी।
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उन्होंने कहा, पुनर्वास और पुनर्निर्माण से संबंधित सभी पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा। हम सभी चाहते हैं कि पश्चिम बंगाल आगे बढ़े।
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पीएम मोदी ने कहा, मैं बंगाल के सभी भाई बहनों को भरोसा दिलाता हूं कि इस संकट के समय में पूरा देश आपके साथ खड़ा है।
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पीएम मोदी ने कहा, ममता बनर्जी के नेतृत्व में प बंगाल अम्फान के संकट से अच्छे से लड़ रहा है। बंगाल में अम्फान ने काफी नुकसान पहुंचाया है। इस विकट समय में हम बंगाल के साथ खड़े हैं।
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प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा- बंगाल में तूफान से हुई तबाही की तस्वीरें देखीं। पूरा देश मजबूती के साथ बंगाल के साथ खड़ा है। राज्य के लोगों की सलामती के लिए प्रार्थना कर रहा हूं। प्रभावितों की मदद में कोई कसर बाकी नहीं रखी जाएगी।
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बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, पश्चिम बंगाल में अब तक 76 लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोग हताहत हुए हैं। ममता ने मृतकों के परिवार वालों को 2.5 लाख सहायता राशि देने की घोषणा की है।
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ममता बनर्जी ने कहा, अब तक 6 लाख लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा, तूफान का असर नादिया तक देखने को मिला है। इन क्षेत्रों के 60% लोग तूफान से प्रभावित हुए हैं।
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पश्चिम बंगाल में 5500 मकानों को नुकसान पहुंचा है। देर रात तक दोनों राज्यों में जोरदार बारिश और तेज हवाओं का दौर चलता रहा।
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21 साल के सबसे ताकतवर तूफान के कहर से बचने के लिए बंगाल में 6 लाख तो ओडिशा में 1.58 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
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इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ममता बनर्जी को फोन कर स्थिति के बारे में पूछा। उन्होंने ममता बनर्जी को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
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ममता बनर्जी ने बताया, प्रधानमंत्री ने इमरजेंसी फंड के तौर पर 1,000 करोड़ रुपये की घोषणा की है, लेकिन उन्होंने ये स्पष्ट नहीं किया है कि ये एडवांस होगा या फिर पैकेज। उन्होंने कहा कि इसका फैसला बाद में किया जाएगा।
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ममता ने कहा, मैंने ऐसी आपदा पहले कभी नहीं देखी। मैं पीएम नरेंद्र मोदी से राज्य का दौरा करने और स्थिति देखने के का आग्रह करती हूं।
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दोनों राज्यों में 41 टीमों का प्लेसमेंट हैं। बंगाल में सिर्फ दो टीमें रिजर्व में रखी गई हैं जिसमें से एक टीम अभी कोलकाता में तैनात की जा रही है।
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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 1 लाख करोड़ रुपए के नुकसान की आशंका जताई है। बताया जा रहा है कि 100 साल में पहली बार किसी तूफान से बंगाल इतना प्रभावित हुआ है। (कोलकाता एयरपोर्ट)
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कोलकाता का उत्तर और साउथ 24 परगना जिला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।
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ओडिशा में अम्फान से करीब 45 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। हालांकि, सरकार का कहना है कि इससे किसी की जान नहीं गई।
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इससे पहले बताया जा रहा था कि ओडिशा में तूफान से 2 लोगों की मौत हुई है। लेकिन अब अधिकारियों ने बताया कि उनकी मौत अम्फान की वजह से नहीं हुई है।
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ओडिशा में नवीन पटनायक पिछले 21 साल से सीएम का पद संभाल रहे हैं। उनके कार्यकाल का यह 6वां चक्रवात था।
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इससे पहले 2013 में फैलिन, 2014 में हुद हुद, 2018 में तितली, 2019 में फैनी और बुलबुल आया था। इस साल यह अम्फान आया है।
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नवीन पटनायक ने 2000 में मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली थी। 1999 में में आए यहां सुपर साइक्लोन ने सब कुछ तबाह कर दिया था। इस तूफान में 10 हजार लोगों की मौत हुई थी।
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वहीं, 2013 में फैलिन से 44 लोग मारे गए थे। जबकि हुद हुद में सिर्फ 3 लोगों की मौत हुई थी।
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तितली तूफान में गोपालुपर के पास लैंडस्लाइड हुई थी। इस घटना में 59 लोग मारे गए थे। 12 लोग अभी भी लापता है।
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2019 में आए तूफान फैनी की चपेट में आकर 64 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि बुलबुल की चपेट में आकर दो लोग मारे गए थे।
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बारिश का पानी घर में ना घुसे, इसलिए बोरियों से जाम लगाते ग्रामीण।
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तूफान के चलते बारिश और समुद्र से आए पानी के चलते गांव के गांव डूब गए।
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कोरोना वायरस के कहर के बीच इस हालत में लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन करने में भी दिक्कत हो रही है।
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बारिश और तूफान के चलते शहरों में भी तमाम पेड़ टूट गए।
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गांव में पानी फर गया है। इसके चलते लोगों को सुरक्षित स्थानों पर नावों के सहारे ले जाया जा रहा है।
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गांव में पानी फर गया है। इसके चलते लोगों को सुरक्षित स्थानों पर नावों के सहारे ले जाया जा रहा है।
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बारिश के साथ हवाएं इतनी तेज थीं कि शहरों में लगे पेड़ जड़ों के साथ उखड़ गए।
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तूफान और बारिश के चलते पेड़ पौधों के टूटने के चलते वाहनों को भी काफी नुकसान पहुंचा है।
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अपने बच्चे को छिपाकर सुरक्षित स्थान पर ले जाती महिला।
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दोनों राज्यों में करीब 7 लाख लोगों को राहत कैंपों में रखा गया है।
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बारिश से बचने का प्रयास करता युवक।
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तूफान प्रभावित इलाकों से अपने बच्चों को सुरक्षित स्थान पर ले जाती महिला।
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दोनों राज्यों में तूफान को देखते हुए एनडीआरएफ की 41 टीमें पहले से ही तैनात की गई थीं।
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कोलकाता में तूफान के बाद आई बारिश से सड़कें इस तरह से भर गईं।