Beating Retreat 2022 : तस्वीरों में देखें भारत में पहली बार हुआ ये अनोखा प्रदर्शन

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के विजय चौक पर बीटिंग द रिट्रीट समारोह (Beating Retreat 2022) का धूमधाम से समापन हुआ। इस सेरमनी में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री मोदी समेत कई गणमान्य शिकरत ने किया. 1000 ड्रोन के साथ आसमान में अद्भुत नजारा देखने को मिला. वहीं पहली बार लेजर शो के जरिए भारत की गाथा का गुणगान किया गया. 

Asianet News Hindi | Published : Jan 29, 2022 1:06 PM IST / Updated: Jan 29 2022, 07:33 PM IST
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Beating Retreat 2022 :  तस्वीरों में देखें भारत में पहली बार हुआ ये अनोखा प्रदर्शन

भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के बैंड कुल 26 धुनों को बजाई गईं. 

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इस दौरान तीनों सेनाओं के बैंड ने समा बांधा. वहीं ए मेरे वतन के लोगों धुन से सैन्य समारोह का समापन किया गया. इस धुन ने लोगों को दिल जीत लिया.

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विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह में नॉर्थ और साउथ ब्लॉक की प्राचीर पर लेजर शो का आयोजन किया गया.  पहली बार लेजर शो के जरिए भारत की गाथा का गुणगान किया गया. 

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1950 से बीटिंग रिट्रीट गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल है। शुरुआत में अंग्रेजी धुनें ही बजाई जाती थीं। बाद में धीरे-धीरे भारतीय धुनों ने अपनी जगह बनाई।

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अग्रेजी धुन 'अबाइड बिद मी' बीटिंग रिट्रीट समारोह में बनी रही। यह महात्मा गांधी को बहुत पसंद थी। इस साल इसे भी हटा दिया गया है।

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बीटिंग रिट्रीट 17वीं शताब्दी के अंत से मनाई जा रही है। तब इसका अर्थ था सूर्यास्त के समय सैन्य टुकड़ियों का युद्ध से अलग होना। रॉयल आयरिश वर्चुअल मिलिट्री गैलरी के अनुसार, 18 जून 1690 को James II की सेना को ड्रम बजाकर रात में पीछे हटने के लिए कहा गया था। बाद में 1694 में William III की सेना ने इसी तरह के आदेश दिए। बिगुल, तुरही और ढोल की आवाज सैनिकों को अपनी तलवारें लपेटने और युद्ध के मैदान से हटने का संकेत देती थी। 

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