केजरीवाल का कोरोना को लेकर सबसे बड़ा डर, चौंकाने वाली हैं दिल्ली छोड़कर भाग रहे लोगों की तस्वीरें
नई दिल्ली. कोरोना को रोकने के लिए 21 दिन का लॉडडाउन है। लेकिन इसका उल्लंघन करते हुए हजारों की संख्या में लोग दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर इकट्ठा हो गए हैं। इस पर चिंता जताते हुए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, यूपी और और दिल्ली, दोनों सरकारों ने बसों का इंतजाम तो कर दिया। लेकिन मेरी अभी भी सभी से अपील है कि वे जहां है, वहीं रहें। हमने दिल्ली में रहने, खाने, पीने, सबका इंतजाम किया है। कृपया अपने घर पर ही रहें। अपने गांव ना जायें। नहीं तो लॉकडाउन का मकसद ही खतम हो जाएगा। अरविंद केजरीवाल का यह डर सही भी है, क्योंकि लोग एक दूसरे के संपर्क में न आए, इसलिए लॉकडाउन किया गया था। लेकिन अब सारी कोशिश पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
Asianet News Hindi | Published : Mar 28, 2020 9:37 AM IST / Updated: Mar 28 2020, 05:38 PM IST
दिल्ली के आनंद विहार से होते हुए हजारों की संख्या में लोग अपने घरों की ओर पलायन कर रहे हैं। वे दिल्ली छोड़कर जा रहे हैं। कोई बिहार जा रहा है। कोई बरेली जा रहा है। कोई रामपुर जा रहा है।
यह फोटो ट्वीट कर कुमार विश्वास ने लिखा, यह निर्वाचित सरकारों का अक्षम्य अपराध है। जिन्होंने हर मुश्किल वक़्त में हमारे शहरों को साथ दिया उनके मन में असहायता व असुरक्षा भरकर राजमार्गों पर बेबस-बेहाल छोड़कर सरकारें अपना चेहरा बचाने व चमकाने में लगी हैं। पहले से नियोजित क्रूर पटकथा का भयावह मंचन देखने को देश बेबस है।
यह फोटो कौशाम्बी (दिल्ली-यूपी बॉर्डर) के बस स्टॉप पर 4 बजे ली गई है।
लॉकडाउन के बाद घर जाने के लिए लोगों की भीड़ लगी हुई है।
गाजियाबाद में प्रवासी मजदूर पैदल और ट्रक से अपने गांव की तरफ रवाना हो रहे हैं। लॉकडाउन की वजह से लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं मिल रहा है।
जैसे तैसे लोग बस बस में बैठना चाहते हैं। यह तस्वीर कुछ यही कहानी बयां कर रही है।
अमृतसर में श्री गुरुद्वारा प्रबंदक कमेटी ने दूसरे राज्यों के लोगों को उनके घर वापिस पहुंचाने के लिए फ्री बसों का इंतजाम किया। एक महिला यात्री ने कहा, हम कुरुक्षेत्र से दरबार साहिब स्वर्ण मंदिर घूमने आए थे और लॉकडाउन के बीच यहीं फंस कर रह गए। मुफ्त बस सेवा से घर वापिस जाने की उम्मीद बंधी है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद ने आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लॉकडाउन की वजह से देश से अलग-अलग राज्यों में फंसे कश्मीरी छात्रों को लेकर फोन पर बात की।
हरियाणा में लॉकडाउन के बीच ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था ना होने के चलते फरीदाबाद में लोग पैदल ही अपने गांव जाने को मजबूर हैं। रईस ने बताया, हम टीकमगढ़ जाएंगे, घर में बच्ची और मां बीमार है। सुबह 6 बजे से बैठे हैं कोई वाहन नहीं आ रहा है। पुलिस वाले डंडा मार रहे हैं। बोल रहे हैं कि भागों यहां से।
यूपी सरकार ने कहा, लॉकडाउन के बीच प्रवासी श्रमिकों को उनके घर ले जाने के लिए 1000 बसों की व्यवस्था की गई है। कल रात मुख्यमंत्री ने परिवहन अधिकारियों, बस ड्राइवरों और कंडक्टरों को बुलाया था ताकि सभी व्यवस्थाएं की जा सकें।
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा, हमने बहुत सारे स्कूलों में खाना खिलाना शुरू किया है, आज दोपहर 568 स्कूलों में खाना खिलाया जाएगा। जिन लोगों के पास खाना नहीं है या फिर बेघर हैं वो अपने पास के स्कूल में आकर खाना खा सकते हैं। हम स्कूलों को नाइट शेल्टर में बदल रहे हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, दिल्ली से या कहीं और से लोगों को बुलाने से समस्या और बढ़ेगी। बिहार सरकार चाहती है कि जो जहां है वहीं उनके रहने खाने की व्यवस्था की जाए। इससे प्रधानमंत्री का लॉकडाउन फेल हो जाएगा।
प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर लिखा, 'दिल्ली के बॉर्डर पर त्रासद स्थिति पैदा हो चुकी है। हजारों की संख्या में लोग पैदल अपने घरों की तरफ निकल पड़े हैं। कोई साधन नहीं, भोजन नहीं। कोरोना का आतंक, बेरोजगारी और भूख का भय इनके पैरों को घर गांव की ओर धकेल रहा है। मैं सरकार से प्रार्थना करती हूं कृपया इनकी मदद कीजिए।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, सरकार इस भयावह हालत की जिम्मेदार है। नागरिकों की ये दशा करना एक बहुत बड़ा अपराध है। आज संकट की घड़ी में हमारे भाइयों और बहनों को कम से कम सम्मान और सहारा तो मिलना ही चाहिए। सरकार जल्द से जल्द ठोस कदम उठाए ताकि ये एक बड़ी त्रासदी ना बन जाए।
एक अन्य ट्वीट में राहुल गांधी ने कहा, आज हमारे सैकड़ों भाई-बहनों को भूखे-प्यासे परिवार सहित अपने गांवों की ओर पैदल जाना पड़ रहा है। इस कठिन रास्ते पर आप में से जो भी उन्हें खाना-पानी-आसरा-सहारा दे सके,कृपा करके दे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं नेताओं से मदद की खास अपील करता हूं। जय हिंद।
दिल्ली, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ जैसे कई राज्य हैं, जहां से लोग पैदल ही अपने गांव वापस जा रहे हैं।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी फोटो ट्वीट कर लिखा, जिनको घर में बैठ बेचैनी होती है। इनसे पूछो घर जाने का कौतूहल। घर में तो इन्हें भी रहना है मोदी जी। मगर कोई घर तो पहुंचाए।
इटली में वायरस फैला तो लोग एक प्रांत से दूसरे प्रांत में आ जा रहे थे। इससे आज पूरा इटली इसकी चपेट में आ गया और सबसे ज्यादा मौतें इसी देश में हुई हैं। भारत भी वही गलती दोहरा रहा है।
देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में हर रोज बढ़ती जा रही है। कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 900 हो गई है। ये आंकड़े कोविड-19 इंडिया डॉट ओआरजी के मुताबिक हैं। हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार देश में कुल 748 कोरोना पॉजिटिव मरीज हैं, जिसमें 67 मरीज ठीक भी हो चुके हैं। शुक्रवार को सबसे ज्यादा 39 नए मामले केरल में सामने आए। इसके साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 176 हो गई।
चंडीगढ़ में लॉकडाउन: यहां पर काम करने आए प्रवासी मजदूरों को लॉकडाउन की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चंडीगढ़ में फंसे गोरखपुर निवासी बिमल ने बताया, बहुत दिक्कत हो रही है। सब बंद हो गया है। कल प्रशासन की तरफ से खाना मिला था आज सुबह से कुछ नहीं खाया है। बस खाना चाहिए और कुछ नहीं।
गाजियाबाद में लॉकडाउन: सीमापुरी बॉर्डर पर लॉक डाउन की वजह से 40-50 ट्रक फंसे हुए हैं। पूना से आए ड्राइवर शैलेष ने बताया, लोगों को बचाने के लिए हम सरकार का समर्थन करते हैं। पर लाख-करोड़ ड्राइवर भाई जो बॉर्डर पर फंसे हुए हैं वो सब भूखे मर रहे हैं। अगर कोई ड्राइवर मर जाएगा तो क्या सरकार इसका जबाव देगी।
महाराष्ट्र में लॉकडाउन: लॉकडाउन के वक्त इंसान ही नहीं जानवर भी भूख से परेशान हैं, ऐसे में पुणे में एक एमजीओ कर्मा शहर में आवारा जानवरों को खाना पहुंचाने का काम कर रहा है। इसके लिए वो जानवरों को खाना खिलाने वाले लोगों की मदद ले रहे हैं और उनकी मदद से पूरे पुणे शहर को कवर करने की कोशिश कर रहे हैं
उत्तराखंड में लॉकडाउन: लॉकडाउन की वजह से देहरादून में कई ट्रक ड्राइवर फंसे हुए हैं। एक ट्रक ड्राइवर संजीव कुमार ने बताया, 22 तारीख से हम यहां खड़े हैं ना तो हमें भाड़ा मिल रहा है ना ही खाली गाड़ी ले जाने दे रहे हैं। खाने के लिए भी दुखी हैं कोई ले आता है तो खा लेते हैं नहीं तो भूखे रहते हैं।
देश में 21 दिन के लॉकडाउन के बीच लोग दिल्ली, नोएडा और मुंबई जैसे शहरों को छोड़कर अपने गांव-घर भाग रहे हैं। गाड़ियों की आवाजाही बंद है, ऐसे में लोग पैदल ली परिवार के साथ निकल जा रहे हैं। इनका कहना है कि फैक्ट्रियां बंद है। कारखाने बंद हैं। हमारी कमाई कुछ नहीं है। ऐसे में हम रहने के लिए किराया कहां से दें और कहां से खाना खाए। इन दिक्कतों को देखते हुए गौतमबुद्ध नगर प्रशासन ने बड़ा फैसला किया है। जिले के सभी मकान मालिकों को आदेश दिया गया है कि वे एक महीने बाद ही किराएदारों से पैसा लें। उससे पहले नहीं।
बस के ऊपर चढ़कर लोग अपने गांव-घर की ओर पलायन कर रहे हैं।
पलायन की यह तस्वीर काफी वायरल हो रही है। इसमें यह शख् साइकिल से ही अपनी पत्नी और बच्चे को लेकर जा रहा है।
मजबूर पिता अपनी बच्ची को कंधे पर बिठाए हुए अपने घर जा रहा है।
जब से खबर आई है कि योगी सरकार ने एक हजार बस चलवाने का आदेश दिया है। तब से बस अड्डों पर और भी ज्यादा भीड़ दिखने लगी है।
बस अड्डों की तस्वीर देखकर यही लग रहा है कि कोई होली या दीवाली में लोग अपने घर जा रहे हों। लेकिन यह पलायन की तस्वीर है।
दिल्ली छोड़कर अपने घर जाते वक्त थक कर एक महिला रोड किनारे बैठकर आराम करते हुए।