दरअसल, पीएम मोदी बचपन से ही देश सेवा करने का सपना देखते थे, इसके लिए वह सेना में भी शामिल होना चाहते थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। उनके भाग्य में देश के प्रधानमंत्री का पद लिखा था तो वो सेना में भर्ती कैसे होते। नरेंद्र मोदी का बचपन बेहद गरीबी में बीता था, इसलिए जीवन संघर्षों से भरा रहा। पूरा परिवार छोटे से एक मंजिला घर में रहता था। उनके पिता स्थानीय रेलवे स्टेशन पर एक चाय के स्टाल पर चाय बेचते थे। शुरुआती दिनों में पीएम नरेंद्र मोदी भी अपने पिता का हाथ बटाया करते थे। निजी जिंदगी के संघर्षों के अलावा पीएम मोदी एक अच्छे छात्र भी रहे हैं। उनके स्कूल के साथी नरेंद्र मोदी को एक मेहनती छात्र बताते हैं और कहते हैं कि वह स्कूल के दिनों से ही बहस करने में माहिर थे।