नई दिल्ली. निर्भया की मां अपनी बेटी के लिए 7 साल से न्याय की लड़ाई लड़ रही हैं। लेकिन वह अकेली ऐसी मां नहीं हैं, जिन्होंने बेटी को न्याय दिलाने के लिए इतना संघर्ष किया। न्याय के लिए संघर्ष की ऐसी ही कहानी प्रियदर्शिनी मट्टू की मां रागेश्वरी मट्टू की है, जिन्होंने जम्मू में अंतिम सांस ली। बता दें कि 23 जनवरी 1996 के दिन प्रियदर्शिनी मट्टू का शव दिल्ली में उनके घर पर मिला था। पूर्व आईपीएस के बेटे संतोष कुमार पर बलात्कार और हत्या का आरोप लगा था। इस केस में हाईकोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास में बदल दिया।