सार

संसद के शीतकालीन सत्र में पीएम मोदी ने विपक्ष पर संसद को बाधित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जनता ने विपक्ष को नकार दिया है और वे संसद में चर्चा नहीं होने देते। सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें कई अहम विधेयक पेश किए जाएंगे।

नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत सोमवार को हुई। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा, "संसद में ज्यादा से ज्यादा चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में अपना योगदान दें। दुर्भाग्य से कुछ लोगों (जिनको जनता ने अस्वीकार्य किया है) ने अपने राजनीति स्वार्थ के लिए संसद को भी मुट्ठी भर लोगों के हुड़दंगबाजी से कंट्रोल करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "उनका अपना मकसद तो संसद की गतिविधि रोकने से ज्यादा सफल नहीं होता। देश की जनता उनके सारे व्यवहार देखती है और जब समय आता है तो सजा भी देती है। सबसे ज्यादा पीड़ा की बात यह है कि जो नए सांसद हैं, नए विचार, नई ऊर्जा लेकर आते हैं, उनके अधिकारों को कुछ लोग दबोच लेते हैं। सदन में बोलने का उनको अवसर तक नहीं मिलता।"

 

 

पीएम ने कहा "जनता ने जिनको नकार किया है वे संसद में न चर्चा होने देते हैं। न लोकतंत्र की भावना का सम्मान करते हैं न ही वे लोगों का आकांक्षा का महत्व समझते हैं। वे जनता की उम्मीदों पर कभी खड़े नहीं उतरते। इसके चलते जनता को बार-बार उनको रिजेक्ट करना पड़ रहा है।"

20 दिसंबर तक चलेगा संसद का शीतकालीन सत्र

संसद का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक समेत कुल आठ विधेयक लोकसभा से पास करने की कोशिश होगी। दो विधेयक राज्यसभा में मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं। भारतीय वायुयान विधेयक (जो पहले ही लोकसभा में पारित हो चुका है) अभी भी राज्यसभा में लंबित है। एक साथ चुनाव कराने के प्रस्तावित विधेयकों को मौजूदा सूची में शामिल नहीं किया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार आगामी सत्र में इस विधेयक को पेश कर सकती है।

विपक्ष ने WQF संशोधन विधेयक के लिए और समय मांगा

वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त कार्य समिति के विपक्षी सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित बदलावों पर विचार-विमर्श पूरा करने के लिए और समय देने का आग्रह किया है। वक्फ संशोधन विधेयक विचार के लिए तय 16 विधेयकों में से एक है। इसका पास होना संयुक्त समिति की रिपोर्ट के लोकसभा में प्रस्तुत किए जाने पर निर्भर है।

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