रूस के इस बॉम्बर के उड़ने से बढ़ गई थी अमेरिका की परेशानी, भारत में भी खरीदने पर हो रही बात

नई दिल्ली। भारत के पास वर्तमान में कोई स्ट्रेटेजिक बॉम्बर नहीं है। जंग होने पर सुखोई एमकेआई 30 और मिराज 2000 जैसे लड़ाकू विमानों को बमवर्षक विमान का रोल निभाना होगा। चीन की बढ़ती सैन्य क्षमता को देखते हुए भारत में भी स्ट्रेटेजिक बॉम्बर विमान खरीदने की बात हो रही है। ऐसी बात सामने आ रही है कि भारत अपनी सामरिक क्षमता बढ़ाने के लिए रूस से Tupolev Tu-160 बॉम्बर खरीदने की योजना पर काम कर रहा है। रूस का Tu-160 दुनिया का सबसे बड़ा बम वर्षक विमान है। अमेरिका के बॉम्बर विमान क्षमता के मामले में इसके काफी पीछे हैं। 16 दिसंबर 1981 में जब Tu-160 विमान ने पहली बार उड़ान भरी थी तो अमेरिका की परेशानी बढ़ गई थी। उसके पास इसकी बराबरी का कोई विमान नहीं था। आगे पढ़ें Tu-160 विमान की ताकत के बारे में...
 

Vivek Kumar | Published : Aug 17, 2022 5:27 AM IST / Updated: Aug 17 2022, 11:01 AM IST
15
रूस के इस बॉम्बर के उड़ने से बढ़ गई थी अमेरिका की परेशानी, भारत में भी खरीदने पर हो रही बात

Tu-160 बड़ा बॉम्बर विमान है, इसके बाद भी इसकी रफ्तार बहुत तेज है। यह 2220 किलोमीटर प्रतिघंटा की अधिकतम रफ्तार से उड़ान भर सकता है। इतनी तेज रफ्तार तो कई फाइटर प्लेन की भी नहीं है। Tu-160 एक बार में 12 क्रूज मिसाइल लेकर उड़ता है। भारत ने अपने सुखोई विमान को ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल से लैस किया है। एक सुखोई विमान एक बार में एक ही ब्रह्मोस मिसाइल लेकर उड़ान भरता है। इस तरह देखें तो Tu-160 जितने क्रूज मिसाइल ले जाने के लिए 12 सुखोई विमानों का इस्तेमाल करना होगा। 
 

25

रूस की सेना के पास वर्तमान में 17 Tu-160 विमान हैं। रूस इन्हें अपग्रेड कर रहा है। इस विमान का ऑपरेटिंग कॉस्ट बहुत अधिक है। इसके चलते रूस ने Tu-160 को 1995 में एक्टिव सर्विस से हटा दिया था। विमानों को अपग्रेड करने के बाद 2015 से वापस सर्विस में लाया गया। कुछ दिनों पहले एक कार्यक्रम में भारत के पूर्व एयर चीफ मार्शल अनूप राहा ने स्ट्रेटेजिक बॉम्बर की जरूरत बताई थी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि भारत को रूस के Tu-160 बॉम्बर में रुचि है। इसके बाद से भारत द्वारा रूस से बॉम्बर विमान खरीदने को लेकर चर्चा हो रही है।
 

35

Tu-160 एक स्ट्रेटेजिक बॉम्बर है। यह अपने बेस से हजारों किलोमीटर दूर जाकर दुश्मन के ठिकानों पर हमला कर सकता है। इस विमान से परमाणु हथियार के साथ ही लंबी दूरी तक मार करने वाले क्रूज मिसाइल फायर किए जा सकते हैं। यह विमान सामरिक बढ़त दिलाता है। इसकी मदद के दुश्मन के ठिकानों को लंबी दूरी से ही नष्ट किया जा सकता है। Tu-160 का रेंज 12 हजार किलोमीटर से अधिक है। इतनी अधिक रेंज के चलते हमला करने के दौरान इस विमान को हवा में इंधन भरने की जरूरत नहीं होती।

 

यह भी पढ़ें- UADAI ने 4 महीने में 79 लाख से ज्यादा बच्चों के बनाए बाल आधार, जानें नीले रंग के इस कार्ड की वैलिडिटी

45

भारत दो तरफ से दुश्मन देश से घिरा है। हमारी सेनाओं को चीन और पाकिस्तान से एक साथ भिड़ने की तैयारी रखनी होती है। टू फ्रंट वार की स्थित में इस तरह के विमानों का रोल काफी अहम होता है। Tu-160 विमान के इस्तेमाल से चीन और पाकिस्तान के मिलिटरी बेस, स्ट्रेटेजिक एयर बेस, युद्धपोत और समुद्र में पेट्रोलिंग कर रहे एयरक्राफ्ट कैरियर को तबाह करने की भारतीय वायु सेना की ताकत में वृद्धि होगी। यह विमान भारी मिसाइलों को लेकर उड़ सकता है, जिसे लेकर किसी लड़ाकू विमान के लिए उड़ना संभव नहीं है। 
 

55

Tu-160 विमान को उड़ाने के लिए चार क्रू मेंबर की जरूरत होती है। 54.1 मीटर लंबे और 55.7 मीटर चौड़े इस विमान का वजन 118 टन है। यह अधिकतम 275 टन वजन के साथ उड़ान भर सकता है। विमान को चार इंजनों से ताकत मिलती है। इस विमान को सफेद हंस भी कहा जाता है। Tu-160 विमान Kh-55 और Kh-15 क्रूज मिसाइल से लैस है। दोनों मिसाइल हवा से जमीन पर हमला करते हैं। विमान 12 Kh-55 और 24 Kh-15 मिसाइल लेकर उड़ना भर सकता है। इन दोनों मिसाइलों को न्यूक्लियर वारहेड से लैस किया जा सकता है।

मिसाइलों को दो इंटरनल वेपन वे में रखा जाता है। इसके साथ ही Tu-160 40 टन वजन तक बम लेकर उड़ सकता है। Kh-55 का रेंज 2500 किलोमीटर और Kh-15 का रेंज 300 किलोमीटर है। इस विमान की कीमत लड़ाकू विमानों से कई गुणा अधिक है। एक Tu-160 विमान खरीदने के लिए 270 मिलियन डॉलर से अधिक खर्च करना पड़ सकता है।

यह भी पढ़ें- Indian Railway की सुपर वासुकी: 295 बोगियों को देखिए कैसे खींच रहा सिर्फ एक इंजन, रफ्तार भी देखने लायक

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos