एडिशनल म्यूनिसिपल कमिश्नर अश्विनी भिड़े ने बताया कि बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) मुंबई नगर निगम अधिनियम के प्रावधानों के तहत 2013 से बार-बार ढह गई इमारत को मरम्मत के लिए और फिर इसे खाली करने और गिराने के लिए नोटिस जारी कर रहा था। अधिकारी ने कहा,"यहां तक कि गैर-अनुपालन(-non compliance) के लिए मुकदमा भी शुरू किया गया था। बाद में निवासियों ने बिल्डिंग के स्ट्रक्चर का ऑडिट कराया और उसे मरम्मत के लायक समझा गया। लेकिन मरम्मत नहीं कराई।