कभी रिक्शेवाला बन कराया था आतंकियों का सफाया; तो कभी देश के लिए पाकिस्तान में बने भिखारी

नई दिल्ली. दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में पिछले तीन दिनों से हिंसा का दौर जारी है। अब दिल्ली की स्थिति को काबू में लाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को सरकार ने जिम्मेदारी सौंपी है। डोभाल मंगलवार रात से ही काफी सक्रिय हैं। उन्होंने हिंसा वाली जगहों का भी दौरा किया। साथ ही साफ कर दिया, राजधानी नें कानून को तोड़ने नहीं दिया जाएगा। यह पहला मौका नहीं है जब किसी बिगड़ी हुई स्थिति को संभालने की जिम्मेदारी डोभाल को दी गई है। भारत के 'जेम्स बॉन्ड' कहे जाने वाले डोभाल अपनी बहादुरी खुफिया तंत्र के लिए जाने जाते हैं। आईए जानतें है कि कब-कब संकट के वक्त में वे देश के लिए संकट मोचक बने...

Asianet News Hindi | Published : Feb 26, 2020 10:09 AM IST
111
कभी रिक्शेवाला बन कराया था आतंकियों का सफाया; तो कभी देश के लिए पाकिस्तान में बने भिखारी
अजीत डोभाल का जन्म 1945 में उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था। उनके पिता आर्मी में थे। उन्होंने अजमेर मिलिट्री स्कूल से पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने आगरा यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया।
211
अजीत डोभाल 1968 केरल बैच के आईपीएस अफसर रहे हैं। उन्होंने 1972 में इंटेलीजेंस ब्यूरो जॉइन किया। खुफिया एजेंसी में रहते हुए वे पाकिस्तान में जासूस के तौर पर भी रहे।
311
अजीत डोभाल 2005 में डोभाल इंटेलीजेंस ब्यूरो के डायरेक्टर पद से रिटायर हुए। 2009 में उन्हें विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन की नींव रखी।
411
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजीत डोभाल को 30 मई 2014 को 5वें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया।
511
अजीत डोभाल पहली बार तब चर्चा में आए, जब 1988 में अजीत डोभाल ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में खलिस्तानी आतंकियों के खिलाफ 'ऑपरेशन ब्लैक थंडर' का सफलता पूर्वक नेतृत्व किया। बताया जाता है कि स्वर्ण मंदिर के सामने खुद रिक्शावाला बन सक्रिय रहे। उन्होंने आतंकियों को यह भरोसा दिलाया कि वे आईएसआई के एजेंट हैं और उनकी मदद करने आए हैं।
611
जब वे स्वर्ण मंदिर में घुसने में कामयाब हुए तो उन्होंने उनके बारे में सारी जानकारी बाहर निकाली। इस ऑपरेशन में 40 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे, वहीं, 200 से ज्यादा को गिरफ्तार किया गया था।
711
डोभाल जम्मू कश्मीर में भी काफी सक्रिय रहे। उन्होंने अपने खुफिया तंत्र के जरिए कई आतंकियों का सरेंडर भी कराया। इसके अलावा डोभाल ने नार्थ-ईस्ट और पंजाब में खुफिया जासूस रह कर कई बड़े ऑपरेशनों को पूरा किया।
811
इसके अलावा 1999 में जब आतंकियों ने भारतीय विमान को अगवा कर कंधार ले गए। तो आतंकियों से बात कर सभी यात्रियों को सुरक्षित निकालने का जिम्मा भी डोभाल को मिला। उन्होंने अपहृत लोगों को सुरक्षित वापस लाने में अहम भूमिका निभाई।
911
2015 में भारत-म्यांमार सीमा पर सुरक्षाबलों ने उग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाए। इन ऑपरेशनों को अजीत डोभाल ने ही लीड किया था।
1011
2016 में आतंकियों ने उरी में सेना के कैंप पर हमला किया था। इसमें हमारे 17 जवान शहीद हो गए थे। इस हमला का जवाब भारतीय सेना ने पीओके में घुसकर आतंकी कैंपों को तबाह कर लिया था। पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक के पीछे अजीत डोभाल का हाथ था। ऑपरेशन की निगरानी दिवंगत रक्षा मंत्री मनोहक पार्रिकर और डोभाल ही कर रहे थे।
1111
जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद पूरी स्थिति अजीत डोभाल ने ही संभाली। धारा 370 हटने के बाद वे कश्मीर के कई दौरे कर चुके हैं। यहां तक कि उन्होंने वहां आम लोगों की तरह घूमते हुए स्थानीय लोगों को भी सरकार के इस कदम के बारे में जानकारी दी।
Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos