खून से लथपथ होकर भी नहीं झुका सिर, दुश्मन को धूल चटाकर रख दी थी इस जांबाज ने

देश की 'आन-बान और शान' के लिए जो बाजी लगा दे, वो यौद्धा होते हैं। ऐसे ही जांबाज हैं 37 वर्षीय भारतीय सेना के अधिकारी अभिनंदन वर्धमान। 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस घटना ने हर भारतीय के दिल में दुश्मन के प्रति गुस्सा भर दिया था। करीब दो हफ्ते बाद 26 फरवरी को भारतीय सेना के 12 मिराज विमानों ने LOC से 80 किमी अंदर घुसकर पाकिस्तान के इलाके में आतंकी संगठन जैश के सबसे बड़े अड्डे को तहस-नहस कर दिया था। माना जाता है कि इसमें 350 आतंकी मारे गए थे। इस घटना से बौखलाए पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों ने भारत की सीमा में घुसने की कोशिश की थी। उन्हें भगाने विंग कमांडर अभिनंदन ने मिग-21 से उड़ान भरी और उन्हें खदेड़ दिया। हालांकि उनका विमान क्रैश होकर पाकिस्तान में गिर गया था। उन्हें पकड़कर यातनाएं दी गईं, लेकिन वे मुस्कराते रहे। भारत के दवाब के चलते 1 मार्च की रात पाकिस्तान ने उन्हें रिहा कर दिया। आइए जानते हैं अभिनंदन की कहानी...

Asianet News Hindi | Published : Mar 1, 2021 4:01 AM IST / Updated: Mar 01 2021, 10:01 AM IST

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खून से लथपथ होकर भी नहीं झुका सिर, दुश्मन को धूल चटाकर रख दी थी इस जांबाज ने

बालाकोट में भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक के बाद 27 फरवरी का पाकिस्तान ने अपने 10 लड़ाकू विमान भारत की सीमा पर भेज दिए थे। इन्हें मार भगाने भारतीय वायुसेना के मिग-21 ने उड़ान भरी। इनमें से एक अभिनंदन उड़ा रहे थे। उन्होंने पाकिस्तानी वायुसेना के F-16 विमान को मार गिराया था।

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अभिनंदन ने पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों को तो खदेड़ दिया था, लेकिन उनका विमान भटककर पाकिस्तान में चला गया और पाकिस्तान के कब्जेवाले कश्मीर में जाकर क्रैश हो गया। उन्हें लोगों ने पकड़कर यातनाएं दीं और फिर पाकिस्तानी सेना को सौंप दिया।

(अपने साथियों के साथ अभिनंदन)

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अभिनंदन की रिहाई के लिए भारत ने पाकिस्तान पर दवाब बनाना शुरू किया। हालात युद्ध की आ गई। इससे डरे पाकिस्तान ने अभिनंदन को रिहा करने की रजामंदी दी। हालांकि उन्हें 58 घंटे तक अपने कब्जे में रखा और पूछताछ की।

(अपने साथी अफसर के साथ अभिनंदन)

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1 मार्च, 2019 को रात करीब 9.20 बजे भारत-पाकिस्तान सीमा स्थित वाघा बॉर्डर पर अभिनंदन को छोड़ दिया गया। भारत सरकार ने उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया। हालांकि पाकिस्तान नहीं चाहता था कि अभिनंदन को छोड़ा जाए, लेकिन उसमें भारत से उलझने की हिम्मत नहीं थी।

(पाकिस्तानी सेना के कब्जे में अभिनंदन)
 

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पाकिस्तान ने अभिनंदन की रिहाई में बहुत ड्रामा किया। करीब 9 घंटे तक रिहाई को रोके रखा। पहले बोला 1 मार्च को दोपहर 12 बजे छोड़ देंगे, फिर शाम के 4 और 6.30 बोला। बता दें कि अभिनंदन ने पाकिस्तान का जो एफ-16 लड़ाकू विमान मार गिराया था, वो एक एडवांस्ड फाइटर प्लेन था। उसे अमेरिका ने बनाया था। जबकि भारत का मिग-21 रूस में बना 60 साल पुराना विमान था। यह भारतीय वायु सेना के साथ 1970 से जुड़ा है। अभिनंदन को वाघा बॉर्डर तक छोड़ने पाकिस्तान के विदेश कार्यालय में निदेशक डॉ. फरिहा बुगती आई थीं।

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पाकिस्तान से रिहाई के बाद दिल्ली के आर्मी अस्पताल में विंग कमांडर अभिनंदन को एडमिट कराया गया था। अभिनंदन देश के हीरो हैं।

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