वीरप्पन की मौत की कहानी शुरू होती है जून, 2001 में जब सीनियर IPS विजय कुमार को तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता ने फोन करके वीरप्पन का एनकाउंटर करने के आदेश दिए। बता दें कि पुलिस ने वीरप्पन के गिरोह पर कुल 338 राउंड गोलियां चलाईं। 18 अक्टूबर, 2004 की सुबह 10.50 मिनट पर एनकाउंटर शुरू हुआ और 20 मिनट बाद वीरप्पन और उसके तीन साथी मारे गए।