2016 में रामगोपाल वर्मा ने चंदन तस्कर वीरप्पन पर फिल्म बनाई थी। नाम था-वीरप्पन। इसमें वीरप्पन का किरदार संदीप भारद्वाज ने निभाया था। इस फिल्म में वीरप्पन के चंदन तस्कर बनने की कहानी बताई गई थी। यह तो हुई फिल्मी बात, लेकिन वीरप्पन रियल लाइफ में इतना खूंखार था कि वो जिस जंगल में रहता था, पुलिस तक वहां घुसने से डरती थी। वीरप्पन का जन्म 18 जनवरी, 1952 को तमिलनाडु के मूलाकाडु में हुआ था। उसे 18 अक्टूबर, 2004 को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। वीरप्पन का पूरा नाम कूज मुनिस्वामी वीरप्पन था। यह चंदन की तस्करी के अलावा हाथी दांतों की तस्करी, हाथियों के अवैध शिकार, किडनैपिंग और हत्याओं में वांछित था। कहते हैं कि इसे पकड़ने के लिए सरकार ने हर साल 2 करोड़ रुपए खर्च किए। यानी 20 सालों में करीब 20 करोड़ रुपए। आइए पढ़ते हैं कुख्यात अपराधी के बारे में...