हम सभी ने झांसी की रानी की वीरता पर लिखी कविता-'चमक उठी सन् सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुंह, हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो, झांसीवाली रानी थी' खूब सुनी होगी। इसे लिखने वालीं हिंदी की सुप्रसिद्ध कवियित्री और लेखिका सुभद्राकुमारी चौहान का 15 फरवरी, 1948 को निधन हो गया था। सिर्फ 43 वर्ष की उम्र की जीने वालीं सुभद्राकुमारी ने एक से बढ़कर एक कालजयी रचनाएं हिंदी साहित्य को सौंपी। उनका जन्म 16 अगस्त, 1904 को इलाहाबाद में हुआ था। उनके दो कविता संग्रह और तीन कथा संग्रह प्रकाशित हुए थे। इनमें सबसे अधिक लोकप्रिय झांसी की रानी कविता को मिली। सुभद्राकुमारी की कविताएं राष्ट्रीय चेतना से ओतप्रोत हैं। आजादी की लड़ाई के दौरान उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा।