1919 में अमृतसर के जलियांवाला बाग नरसंहार ने सारे देश को उद्देलित कर दिया था। आजाद तब पढ़ाई कर रहे थे। जब 1920 में गांधीजी ने असहयोग आंदोलन छेड़ा, तो आाजाद भी उससे जुड़ गए। वे अपने स्कूल के छात्रों के साथ रैली निकाल रहे थे, तो अंग्रेजों ने पकड़ लिया। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लिखा-14-15 साल के लड़के को 15 बेंत मारने की सजा दी गई। वो अपने को आजाद कहता था। उसे नंगा किया गया और बेंत से पीटा गया। जैसे-जैसे उस पर बेंत पड़ते और उसकी चमड़ी उधेड़ती, वो भारत माता की जय चिल्लाता। वो तब तक भारत माता की जय बोलता रहा, जब तक कि बेहोश नहीं हो गया।
(आजाद का एक पुराना फोटो, दायें अल्फ्रेड पार्क में आजाद की शहादत)