27 फरवरी, 1931 भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महान नायक चंद्रशेखर आजाद का शहीदी दिवस है। इसी दिन उन्होंने इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में खुद को गोली मार ली थी, ताकि अंग्रेज उन्हें जिंदा न पकड़ सकें। अब यह पार्क चंद्रशेखर आजाद के नाम से जाना जाता है। आजाद रामप्रसाद बिस्मिल और शहीद भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों के साथी थे। 1922 में जब महात्मा गांधी ने अचानक असहयोग आंदोलन बंद कर दिया, तब आजाद की जेहन में क्रांतिकारी विचार जन्मे। इसके बाद वे हिंदुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य बन गए। इसी संस्था ने रामप्रसाद बिस्मिल की अगुवाई में 9 अगस्त, 1925 को काकोरी कांड किया था। यह ट्रेन डकैती थी। 1927 में बिस्मिल और 4 साथियों के बलिदान के बाद आजाद ने उत्तर भारत की क्रांतिकारी पार्टियों को मिलाकर हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक एसोसिएशन का गठन किया। आजाद ने भगत सिंह के साथ मिलकर लाला लाजपतराय की मौत का बदला लाहौर में 1928 को ब्रिटिश पुलिस आफिसर एसपी सांडर्स को गोली मारकर लिया। इसके बाद दिल्ली आकर असेंबली में बम फेंका। आइए जानते हैं इस महान देशभक्त की कहानी...