पुडुचेरी. केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी की वी नारायणसामी सरकार के लिए 22 फरवरी अच्छी नहीं रही। कांग्रेस की अगुवाई वाली इस सरकार ने विद्रोहियों के आगे घुटने टेक दिए। पहले बता दें कि हाल में कांग्रेस के 4 विधायकों के इस्तीफे के बाद नारायणसामी की सरकार खतरे में आ गई थी। सोमवार को फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस गठबंधन में शामिल DMK के एक-एक और विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सरकार अल्पमत में आ गई थी। यहां बहुमत के लिए 14 विधायक चाहिए थे। कांग्रेस के पास 12 बचे थे, जबकि विपक्ष के पास 14 विधायकों का समर्थन है। अब आपको बताते हैं कि जनवरी में नारायणसामी ने क्या कहा था? उन्होंने कहा था कि वे राज्य में हिंदी को कभी लागू नहीं होने देंगे। बता देंकि पुडुचेरी की मुख्य भाषा तमिल है। इसके बाद तेलुगू और अंग्रेजी बोली जाती है। दक्षिण भारत में हिंदी को लेकर कभी अच्छी भावना नहीं रही। इससे पहले 2019 में डीएमके नेता डीएम स्टालिन ने कहा था कि तमिल लोगों के खून में हिंदी के लिए कोई जगह नहीं है। तमिलों पर हिंदी थोपना मधुमक्खी के छत्ते पर पत्थर फेंकने जैसा है। यह विवाद दक्षिण भारत में शिक्षा नीति में हिंदी को एक अनिवार्य भाषा बनाने की कवायद से शुरू हुआ था। आइए जानते हैं दुनिया में हिंदी आखिर है कहां?