नोटबंदी के खिलाफ फैसला देने वाली महिला जज बीवी नागरत्ना जिनको वकीलों ने बंद कर दिया था कमरे में...

Who is BV Nagarathna Demonetisation verdict fame: सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी पर अहम फैसला देते हुए इसे सही ठहराया है। हालांकि, संविधान पीठ की पांच सदस्यीय बेंच में एक जस्टिस बीवी नागरत्ना ने इसे अवैध करार दिया है। चार जजों के विपरीत अपनी अलग राय देने वाली जस्टिस बीवी नागरत्ना कोरोना काल में अपने कई फैसलों के लिए भी जानी जाती हैं। कर्नाटक हाईकोर्ट से प्रोन्नति पाने वाली जस्टिस नागरत्ना भविष्य में देश की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश भी बनेंगी।

Dheerendra Gopal | Published : Jan 2, 2023 12:55 PM IST / Updated: Jan 02 2023, 06:27 PM IST

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नोटबंदी के खिलाफ फैसला देने वाली महिला जज बीवी नागरत्ना जिनको वकीलों ने बंद कर दिया था कमरे में...

करीब डेढ़ साल पहले ही बनीं सुप्रीम कोर्ट में जज

जस्टिस बीवी नागरत्ना को कर्नाटक हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में अगस्त 2021 में पदोन्नत किया गया। 30 अक्टूबर 1962 को जन्मी नागरत्ना ने अपना करियर 1989 में शुरू किया जब कर्नाटक बार काउंसिल में दाखिला लिया। वह संवैधानिक कानून, वाणिज्यिक कानून, वाणिज्यिक कानून और प्रशासनिक कानून का विशेषज्ञ मानी जाती हैं। फरवरी 2008 में बीवी नागरत्ना को कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। इसके दो साल बाद उन्हें स्थायी न्यायाधीश बना दिया गया।
 

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देश की पहली महिला सीजेआई बनेंगी 2027 में...

जस्टिस बीवी नागरत्ना देश की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश होने की कतार में हैं। वह सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला सीजेआई होंगी। यह मौका उनको 2027 में मिलेगा। जस्टिस नागरत्ना के पिता ईएस वेंकटरमैया भी भारत के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। जस्टिस ईएस वेंकटरमैया, साल 1989 में छह महीना के लिए सीजेआई रहे थे।
 

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जब कमरे में बंद कर दिया था वकीलों...

अगले वर्ष के नवंबर में, बी वी नागरत्ना तब सुर्खियां बटोरीं, जब उन्हें और कर्नाटक उच्च न्यायालय के दो न्यायाधीशों को विरोध करने वाले वकीलों के एक समूह ने एक कमरे में बंद कर दिया था। बाद में उन्होंने यह कहा कि हम नाराज नहीं हैं, लेकिन दुखी हैं कि बार ने हमारे साथ ऐसा किया है। हमें अपना सिर शर्म से झुकाना होगा।
 

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कोरोना के दौरान क्लास जारी रखने का दिया था आदेश

कर्नाटक हाईकोर्ट में जज रहने के दौरान जस्टिस बीवी नागरत्ना ने शिक्षा नीति के मामलों की अध्यक्षता करते हुए विशेषज्ञों की एक समिति को सरकारी स्कूलों में सुविधाओं के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए एक रोडमैप बनाने का आदेश दिया था। यही नहीं उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान ऑनलाइन क्लासेस का स्वागत करते हुए हर हाल में पढ़ाई जारी रखने का निर्देश दिया था।
 

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कोरोना काल में प्रवासियों के पक्ष में एक बड़ा फैसला देते हुए उन्होंने 30 मई 2020 को राज्य सरकार को 6,00,000 से अधिक प्रवासियों के परिवहन की सुविधा के लिए व्यवस्थित तैयारी पेश करने का निर्देश दिया था। मुख्य न्यायाधीश ओका के साथ उन्होंने राज्य सरकार को श्रमिक ट्रेनों में यात्रा करने वाले प्रवासियों के लिए भोजन और पानी की पर्याप्त व्यवस्था करने का भी आदेश दिया। इस आदेश के बाद राज्य सरकार ने प्रवासियों की उनके मूल राज्यों की यात्रा का खर्च वहन करने का निर्णय लिया।

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