किसी को पति की मौत ने, तो किसी को बच्चों की भूख ने बना दिया कुली; रुला देंगी इनकी संघर्ष की कहानियां

नई दिल्ली. आठ मार्च को महिला दिवस है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अचानक एक ट्वीट कर सबको चौंका दिया था। हालांकि, उन्होंने 16 घंटे बाद सस्पेंस खत्म करते हुए साफ कर दिया था कि वे 8 मार्च को अपने सोशल मीडिया अकाउंट उन महिलाओं को देने के लिए कहा है जो हमें प्रेरणा देती हैं। इसके अलावा उन्होंने सभी से #SheInspiresUs पर ऐसी महिलाओं की कहानियां भी शेयर करने को कहा है। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 5, 2020 12:15 PM IST

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किसी को पति की मौत ने, तो किसी को बच्चों की भूख ने बना दिया कुली; रुला देंगी इनकी संघर्ष की कहानियां
इसी के तहत रेलवे मंत्रालय ने कुछ ऐसी महिलाओं की फोटो शेयर की है, जो यह साबित करती है कि वे पुरुषों से किसी भी तुलना में कम नहीं हैं।
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रेलवे ने तीन महिला कुलियों की फोटो शेयर की है। साथ ही लिखा, इन महिलाओं ने साफ साबित कर दिया है कि वे किसी से कम नहीं हैं।
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रेलवे मंत्रालय ने जिन तीन महिला कुलियों की फोटो शेयर की है। वे लक्ष्मी , संध्या और मंजू हैं। लक्ष्मी भोपाल, मंजू राजस्थान में और संध्या जबलपुर स्टेशन पर कुली हैं।
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सबसे पहले बात करते हैं जबलपुर की संध्या की। संध्या ने अपने हौसलों और इरादों से यह साबित कर दिया है कि महिलाएं किसी से क नहीं हैं। संध्या अपने बच्चों का पेट पालने के लिए कुली बनी।
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संध्या देश की पहली महिला कुली हैं। 22 अक्टूबर 2016 को संध्या के पति की मौत हो गई थी। इसके बाद तीन बच्चों को पालने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई।
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संध्या हर रोज 45 किमी का सफर तय कर जबलपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचती हैं। यहां से वे कटनी पहुंचती हैं। संध्या तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा होने का संदेश दे रही हैं।
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मंजू यादव: मंजू यादव जयपुर के एक छोटे से गांव से आती हैं। पांच साल पहले उनके पति की मौत हो गई। इसके बाद 3 बच्चों को पालने की जिम्मेदारी उनपर आ गई। वे अपने बच्चों को पालने के लिए कुली बन गईं।
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जहां एक ओर महिलाओं को कम वजन उठाने के लिए कहा जाता है, लेकिन इन सबके बावजूद उन्होंने समाज की परवाह किए बिना इस काम को करना शुरू किया। हालांकि, मंजू बताती हैं कि इससे उनका खर्चा अच्छे से तो नहीं चलता। लेकिन वे अपने परिवार का पेट जरूर भर लेती हैं। मंजू राजस्थान की पहली महिला कुली हैं।
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100 रुपए कमा पाती हैं लक्ष्मी: 30 साल की लक्ष्मी भोपाल स्टेशन पर आपको सिर पर सामान उठाए नजर आएंगीं। 13 नंबर का बिल्ला पहने लक्ष्मी 8 साल के बच्चे की मां हैं। लक्ष्मी के पति की मौत हो चुकी है।
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लक्ष्मी के पति भी कुली का काम करते थे। उनकी मौत के बाद बच्चे की देखभाल करने के लिए लक्ष्मी ने भी कुली का काम करने का फैसला किया। वे बताती हैं कि उन्हें पूरे दिन में सिर्फ 50 से 100 रुपए मिलते हैं। लक्ष्मी अपने बेटे को बेहतर जीवन देना चाहती हैं।
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