2001 में भारत के 6 खिलाड़ी वर्ल्ड के टॉप 100 खिलाड़ियों में शामिल हो गए थे, जिसमें गोपीचंद भी शामिल थे। 2001 में उनकी वर्ल्ड रैंकिंग 4 नंबर पर थी। हालांकि, बैडमिंटन से संन्यास लेने के बाद उन्होंने आंध्रप्रदेश में अपनी अकादमी शुरू की, तब कहा जा रहा था कि यह सिस्टम उन्हें सफल होने नहीं देगा, लेकिन गोपीचंद अपने दम पर अच्छे कोच साबित हुए।