मां ने कपड़े सिलकर बेटी को पाला, कोच ने टैलेंट देखकर एकडेमी बुलाया, अब शैली सिंह ने रच दिया इतिहास

स्पोर्ट्स डेस्क. भारत की शैली सिंह (shaili singh) ने अंडर-20 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप (u20 world championship) सिल्वर मेडल (silver medal) जीतकर इतिहास रच दिया है। लॉन्ग जंप (long jump) में शैली सिंह सिर्फ एक सेंटीमीटर से गोल्ड मेडल जीतने से चूक गईं। लेकिन शैली के लिए उत्तर प्रदेश के झांसी से नैरोबी तक का सफर आसान नहीं था कई मुश्किलों का सामना करने के बाद वो यहां तक पहुंची हैं। उनकी मां ने कपड़ों की सिलाई करने उन्हें पाला है। उनके संघर्ष के कहानी युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। आइए जानते हैं शैली सिंह ने कैसे संघर्ष करके सफलता पाई।

Asianet News Hindi | Published : Aug 23, 2021 7:50 AM IST / Updated: Aug 23 2021, 01:48 PM IST

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मां ने कपड़े सिलकर बेटी को पाला, कोच ने टैलेंट देखकर एकडेमी बुलाया, अब शैली सिंह ने रच दिया इतिहास

मां ने मुश्किलों का सामना करके पाला
शैली सिंह उत्तर प्रदेश के झांसी जिले की रहने वाली हैं। उनकी मां वनीता सिंह सिंगल मदर हैं और उन्होंने शैली को बड़ी मुश्किलों से पाला है। शैली तीन बहनें हैं। उनकी मां वनीता सिलाई का काम करती हैं। आर्थिक तंगी के बीच उन्होंने अपनी तीनों बेटियों को पाला है। 

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अंजू बॉबी जॉर्ज के पति ने दिया बड़ा ब्रेक
आर्थिक तंगी के कारण बचपन में शैली सिंह के पास पहनने के लिए स्पाइक्स शूज भी नहीं होते थे। शैली का लखनऊ स्थित स्पोर्ट्स हॉस्टल में चयन हो गया था, लेकिन उनको बड़ा ब्रेक मशहूर एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज के पति रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज ने दिया। 
 

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सिल्वर मेडल जीता
शैली ने जून में 6.48 मीटर छलांग लगाकर राष्ट्रीय (सीनियर) अंतरराज्यीय चैंपियनशिप जीती थी। वह सिर्फ 1 सेंटी मीटर से स्वर्ण पदक चूक गईं। ओलंपिक गोल्ड मे​डलिस्ट नीरज चोपड़ा ने ट्वीट कर शैली को उनकी उपलब्धि के लिए बधाई दी है। शैली ने 6.40 मीटर की छलांग के साथ क्वालिफिकेशन राउंड में शीर्ष पर रहकर चैम्पियनशिप के फाइनल में जगह बनाई थी। फाइनल मुकाबले में वह अपनी तीसरी छलांग में 6.59 मीटर की दूरी तय करने में कामयाब रहीं।

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अंजू बॉबी जॉर्ज की एकेडमी में करती हैं ट्रेनिंग
शैली सिंह भारत की स्टार लॉन्ग जंपर रहीं अंजू बॉबी जॉर्ज की एकेडमी में ट्रेनिंग करती हैं। उनके कोच अंजू बॉबी जॉर्ज के पति रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज हैं। साल 2017 में शैली जब 14 साल की थीं, तब विजयवाड़ा में राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप हुई। रॉबर्ट भी वहां मौजूद थे। शैली उस प्रतियोगिता में पदक नहीं जीत पाईं, लेकिन रॉबर्ट ने उनकी प्रतिभा को पहचान लिया। उन्होंने शैली को बेंगलुरु स्थित अंजू बॉबी जॉर्ज एकेडमी ट्रेनिंग के लिए बुलाया। शुरू में उनकी मां इसके लिए राजी नहीं थीं, लेकिन रॉबर्ट ने उन्हें समझाया कि उनकी बेटी एक चैंपियन एथलीट बन सकती है।
 

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अंडर-18 में हैं वर्ल्ड नंबर-1
शैली कई बार जूनियर लेवल पर नेशनल रिकॉर्ड तोड़ चुकी हैं। वे अंडर-18 कैटेगरी में वर्ल्ड नंबर-1 लॉन्ग जंपर हैं। अंजू बॉबी जॉर्ज का मानना है कि शैली आने वाले दिनों में उनका रिकॉर्ड भी तोड़ेंगी और देश के लिए ओलिंपिक मेडल जीतेंगी। मौजूदा अंडर-20 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अभी तक भारत ने दो रजत और एक कांस्य पदक जीता है। 

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