नई दिल्ली. इलेक्शन में जनता पर उतना प्रभाव भाषणों का नहीं पड़ता, जितना छोटे-छोटे नारों का होता है। बात इमरजेंसी के दौरान की है। 25 जून, 1975 को देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगा दिया था। इस दौरान उनके छोटे बेटे संजय गांधी ने जनसंख्या पर काबू करने 62 लाख पुरुषों की जबर्दस्ती नसबंदी करा दी थी। इस ऑपरेशन में करीब 2 हजार लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद के चुनावों में विपक्ष ने एक नारा दिया था- 'जमीन गई चकबंदी में, मकान गया हदबंदी में, द्वार खड़ी औरत चिल्लाए, मेरा मरद गया नसबंदी में!' इसी नसबंदी अभियान के चलते जनता ने 1977 में इंदिरा गांधी को सत्ता से बेदखल कर दिया था। 1977 के चुनाव में जनता के साथ मिलकर विपक्ष ने ऐसे कई नारे दिए थे, जो इंदिरा सरकार पर भारी पड़ गए। जैसे-संजय की मम्मी बड़ी निकम्मी, सन 1977 की ललकार, गांव-गांव जनता सरकार। संजय गांधी के विवादास्पद मारुति कार प्रोजेक्ट पर भी नारा बनाया था-बेटा कार बनाता है, मां बेकार बनाती है। इससे पहले बता दे कि 1971 के आम चुनाव में इंदिरा गांधी ने नारा दिया था- वे कहते हैं कि इंदिरा हटाओ, मैं कहती हूं गरीबी हटाओ। दरअसल, इंदिरा हटाओ देश बचाओ का यह नारा समाजवादी नेता डॉ. राममनोहर लोहिया ने दिया था। देखिए इंदिरा गांधी और संजय गांधी की कुछ पुरानी तस्वीरें...