कई दिनों से भूखी थी बच्ची, खाना देखकर पहले खूब रोई और फिर दी प्यारी सी स्माइल

दिल्ली. ये तस्वीरें कोरोना के डर से ज्यादा भूख और बेरोजगारी के दर्द को दिखाती हैं। पहली तस्वीर दिल्ली की है, जबकि बाकी की राजस्थान की। लेकिन सबमें एक ही दर्द है..रोजी-रोटी छिनने का। ये वो मजदूर है, जो दो वक्त की रोटी की जुगाड़ में सैकड़ों मील दूर अपना घर-गांव छोड़कर दूसरे राज्यों में आकर रह रहे थे। लॉक डाउन के बाद कामकाज बंद होने से वे घबरा गए और अपने घरों की ओर लौटने लगे। ये तस्वीरें शुरुआती अफरा-तफरी को दिखाती हैं। जब लोगों को भूखे पेट तक सोना पड़ा। हालांकि अब सरकारों और स्वयंसेवियों ने इस गरीबों को भोजन पहुंचाने की युद्धस्तर पर पहल की है। लेकिन रोटी की जद्दोजहद तब तक जारी रहेगी, जब तक लॉक डाउन रहेगा। कोरोना संक्रमण को हराने लॉक डाउन अनिवार्य है, इसे भी नकारा नहीं जा सकता। इसलिए सिर्फ प्रार्थनाएं की जा सकती हैं कि कोरोना संक्रमण के फैलने को रोका जा सके और लॉक डाउन खत्म हो। उल्लेखनीय है कि लॉक डाउन के बाद दिल्ली से हजारों मजदूर अपने घर लौटने लगे थे। ऐसी ही तस्वीरें राजस्थान, गुजरात और अन्य राज्यों से सामने आई थीं।

Asianet News Hindi | Published : Apr 1, 2020 4:15 AM IST
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कई दिनों से भूखी थी बच्ची, खाना देखकर पहले खूब रोई और फिर दी प्यारी सी स्माइल
यह तस्वीर दिल्ली की है। बच्ची को जब खाने के पैकेट मिले, तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। ऐसी तस्वीरें देशभर से सामने आई थीं।
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यह तस्वीर भी दिल्ली की है। लॉक डाउन के बाद निराश होकर अपने बच्चे के साथ घर को पैदल लौटता एक मजदूर।
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यह तस्वीर भी राजस्था की है। लॉक डाउन में मजदूरों को सबसे ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
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राजस्थान से लौट रहे मजदूरों को एक जगह जुटाने के बाद उनकी निगरानी करता पुलिसकर्मी।
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यह तस्वीर राजस्थान की है। मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने सरकार ने बसें चलाई थीं।
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देशभर से ऐसी तस्वीरें सामने आई थीं। मजदूरों को कोई साधन नहीं मिल पाने से पैदल ही घरों की ओर लौटना पड़ा था।
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रोजी-रोटी छिन जाने से मजदूरों का हालत खराब हो गई है।
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जो मजदूर परिवारों के साथ दूसरे शहर में काम करने आए थे, उनके लिए बड़ी दिक्कतें थीं।
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इस तरह सैलाब उमड़ता दिखाई दिया था मजदूरों का।
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लॉक डाउन के बाद अफवाहों ने मजदूरों को घरों की ओर भागने पर विवश कर दिया था।
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कई जगह मजदूर ऐसे अपने घरों की ओर जाते दिखाई दिए।
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सैकड़ों मील पैदल चलकर मजदूर अपने घर पहुंचे।
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पैदल घरों की ओर जाने वाले कई मजदूरों की रास्ते में मौत की खबरें भी मिलीं।
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यह तस्वीर कुछ दिन पहले की है। हालांकि अब सरकार ने राज्यों के बॉर्डर पर ही उनके रहने-खाने का प्रबंध किया है।
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