दो महीने से मां ने नहीं देखा अपनी मासूम बेटी का चेहरा, लेकिन बेटी फोन पर हमेशा कहती है-मां डरना मत

वडोदरा, गुजरात. कोरोना वॉरियर्स के लिए जिंदगी सरल नहीं है। पहला, जिंदगी में खतरे में डालकर ड्यूटी कर रहे हैं, दूसरा, अपने घर-परिवार से भी दूर बने हुए हैं। ऐसे एक नहीं, कई कोरोना वॉरियर्स हैं, जिनके बच्चे छोटे हैं। अपने मासूम बच्चों से दूर रहकर भी ये अपना फर्ज निभा रहे हैं। यह हैं निकिता। ये जामनगर में रहती हैं। इनका मायका वडोदरा में है। निकिता जामनगर के सिविल हॉस्पिटल में नर्स हैं। वहीं, पिता हसमुखलाल रामावत वडोदरा के वाड़ी पुलिस स्टेशन में पीआई। दोनों अपनी-अपनी ड्यूटी शिद्दत से निभा रहे हैं। निकिता की ढाई साल की बेटी है। मां-बेटी पिछले 2 महीने से नहीं मिलें।

Asianet News Hindi | Published : May 21, 2020 9:06 AM IST

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दो महीने से मां ने नहीं देखा अपनी मासूम बेटी का चेहरा, लेकिन बेटी फोन पर हमेशा कहती है-मां डरना मत

निकिता और उनकी बेटी पृथा के बीच लगभग रोज ही फोन पर बात होती है। बेटी हमेशा हंसते हुए मां से कहती है कि डरना मत। जैसे बच्ची को कोरोना क्या होता है, इस बारे में बता दिया गया हो। बच्ची की समझ भले अभी कम हो, लेकिन वो जिस अंदाज में मां से बात करती है, उससे हौसला बढ़ता है।

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निकिता और उसके पिता दोनों मानते हैं कि इस समय ड्यूटी महत्वपूर्ण है। बच्चों से दूर रहना सरल नहीं है। यह बेहद भावुक करने वाला क्षण होता है, लेकिन फर्ज पहले है। आगे पढ़िए सूरत की नर्स धारा बेन की कहानी...
 

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यह हैं सूरत के सिविल हॉस्पिटल में नर्स धारा बेन। ये यहां 13 साल से कार्यरत हैं। धारा बेन पिछले दो हफ्ते से कोविड-19 में ड्यूटी कर रही थीं। इनका घर नवसारी में है। ड्यूटी पूरी होने के बाद जब वे स्कूटर से ही सूरत से नवसारी पहुंचीं, तो 6 साल की बेटी ने उनका जन्मदिन मनाया। हालांकि उनका जन्मदिन निकल गया था, लेकिन बेटी उनका इंतजार कर रही थी। बेटी ने मां की आरती उतारी और उनकी ड्यूटी को सराहा। आगे पढ़िए एसपी की मासूम बेटी..किस तरह दरवाजे पर खड़ी होकर मुस्कराती रही..

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ये हैं अहमदाबाद में सीआईडी क्राइम ब्रांच के एसपी हरेश दूधात। वे 15 दिनों बाद अपने घर आए थे। वो भी इसलिए, क्योंकि उनकी बेटी का जन्मदिन था। हालांकि वे बेटी को प्यार नहीं कर सके। घर के बाहर बरामदे में बैठकर ही उन्होंने खाना खाया और फिर ड्यूटी पर लौट गए। इस दौरान उनकी बेटी दरवाजे के पीछे खड़ी रही। वो मुस्करात हुए लगातार पापा का देखती रही। पिता भी अपने बेटी को देखकर मुस्कराते रहे। यह तस्वीर हरेश की पत्नी ने पीछे से अपने मोबाइल से खींची। आगे पढ़िए पंजाब के कोरोना वॉरियर दम्पती की कहानी..

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ये हैं पंजाब के पठानकोट के कोरोना वॉरियर दम्पती। पति दविंद्र प्रकाश थाना-2 में एसएचओ हैं, जबकि पत्नी डॉ. मिकी सिविल अस्पताल में कार्यरत। यह दम्पती कोरोना काल में फ्रंटलाइन पर ड्यूटी कर रहे हैं। डॉ. मिकी सिविल अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी कर रही हैं। डॉ. मिकी गर्भवती हैं। हेल्थ डिपार्टमेंट ने उनसे लीव लेने को कहा था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। दम्पती कहते हैं कि इस समय ड्यूटी सबसे महत्वपूर्ण है।

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