कई दिन ड्यूटी कर घर पहुंची नर्स, बेटी ने आरती उतार किया ऐसा स्वागत कि भूल गई सारे दर्द..आ गए आंसू

सूरत (गुजरात). पूरी दुनिया में कोरोना ने अपनी दहशत फैला रखी है। इससे मरने वालों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। इन सबके बावजूद भी मौत के खौफ को त्यागकर नर्से कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा में रात दिन जुटी हैं। वह इस मुश्किल घड़ी में अपने पति, बच्चों और परिवार से दूर रहकर देश के प्रति अपना फर्ज निभा रहीं हैं। ऐसी ही एक नर्स की इमोशनल कहानी गुजरात से सामने आई है। 

Asianet News Hindi | Published : May 20, 2020 1:51 PM IST / Updated: May 20 2020, 07:48 PM IST

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कई दिन ड्यूटी कर घर पहुंची नर्स, बेटी ने आरती उतार किया ऐसा स्वागत कि भूल गई सारे दर्द..आ गए आंसू

दरअसल, हम बात कर रहे हैं सूरत के सिविल हॉस्पिटल में ड्यूटी करने वाली नर्स धारा बेन की। जहां वह लगातार 12 दिन बाद अपने घर पहंची थीं। जैसी ही नर्स ने अपने घर का दरवाज खोला तो उनकी 6 साल की मासूम बेटी अपनी मां के स्वागत के लिए पूजा की थाली लेकर खड़ी थी। बच्ची ने पहले मां की आरती उतारी तिलक लगाया और कहा मां आपका वेलकम है। इस पल को देखते ही नर्स भावुक हो गई और कहने लगी बेटी ने आज तो तोहफा दिया है उसको में जिंदगीभर नहीं भूल पाऊंगी।

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बता दें कि नर्स धारा बेन ने शुरुआती तीन चार सप्ताह तक नवसारी से सूरत स्कूटी से जाती थीं। लेकिन जब कोरोना का खतरा ज्यदा और मामले बढ़ने लगे तो वह सिविल हॉस्पिटल के स्टॉफ क्वार्टर में रहने लगीं। संक्रमण के खतरे के डर से वह घर नहीं आती थीं, वह नहीं चाहती थीं कि उनकी बेटी तक संक्रमण पहुंचे।

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नर्स ने अपनी बेटी झरना को अपने सास-ससुर के पास छोड़ दिया। वह रोज रात को झरना से फोन पर बात करती थीं। वह हमेशा पूछती कि मम्मी घर कब आओगी? तो मैं हमेशा कह देती कल आऊंगी, लेकिन चाहकर भी उसके पास नहीं जा पाती थी। बता दें कि बेटी झरना ने मां के जन्मदिन पर अपने पिग्गी बैंक से रुपए निकालकर केक तैयार किया। मां का स्वागत करने के बाद बेटी ने कहा-मम्मी अब आप अपना केक  काट लीजिए तो मेरी तो खुशी का ठिकाना ही नहीं था। मैं तो भूल ही गई थी कि आज मेरा जन्म दिन भी है।

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धारा बेन बताया कि जैसे ही मैं ड्यूटी कर जब घर आई तो बेटी झरना मुझको खिड़की से आते हुए देख लिया था। गेट खोलने से पहले उसन कहा-मां आप पांच मिनट गेट पर ही रुकना मैं आती हूं। में वहीं खड़ी रही, जब हाथ में थाली लेकर आई तो में उसको देखते ही रह गई। उसके इस प्यार ने मेरे सारे दर्द मिटा दिए। हम लोग 20-20 घंटे अस्पताल में मरीजों की सेवा करते हैं, अगर कोई हमारा ऐसा स्वागत करे तो आंखें भर आती हैं।

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