धारा बेन बताया कि जैसे ही मैं ड्यूटी कर जब घर आई तो बेटी झरना मुझको खिड़की से आते हुए देख लिया था। गेट खोलने से पहले उसन कहा-मां आप पांच मिनट गेट पर ही रुकना मैं आती हूं। में वहीं खड़ी रही, जब हाथ में थाली लेकर आई तो में उसको देखते ही रह गई। उसके इस प्यार ने मेरे सारे दर्द मिटा दिए। हम लोग 20-20 घंटे अस्पताल में मरीजों की सेवा करते हैं, अगर कोई हमारा ऐसा स्वागत करे तो आंखें भर आती हैं।