हौसलों से होती है उड़ान: हादसे में गंवाए दोनों हाथ पैर तो कोहनी से लिखे जवाब, 12वीं में पाए 92% नंबर

Published : May 23, 2020, 10:05 AM ISTUpdated : May 23, 2020, 10:39 AM IST

अहमदाबाद (गुजरात). मंज़िलें उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। इस कहावत को हकीकत में कर दिखाया है गुजरात के शिवम सोलंकी ने। जिनके जज्बे और कामयाबी की आज पूरा देश कर रहा है। एक हादसे में दोनों हाथ-पैर गंवाने के बावजूद शिवम ने कभी हिम्मत नहीं हारी और आज उसने12वीं कक्षा में 92% नंबर लाकर कमाल कर दिखाया।   

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हौसलों से होती है उड़ान: हादसे में गंवाए दोनों हाथ पैर तो कोहनी से लिखे जवाब, 12वीं में पाए 92% नंबर

दरअसल, हाल ही में आए गुजरात राज्य 12वीं बोर्ड के परिणामों में शिवम सोंलकी ने 92 प्रतिशत का मार्क प्राप्त किए हैं। शिवम साइंस विषय के स्टूडेंट हैं। बता दें कि शिवम ने कोहनी से लिखकर यह सपलता प्राप्त की है। शिवम ने 10वीं की परीक्षा में 89 फीसदी अंक हासिल कर 98.53 प्रतिशत बनाकर मिसाल कायम की थी।

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बता दें कि साल 2011 में 12 साल की उम्र में शिवम की जिंदगी में  एक दर्दनाक हादसा हुआ था। वो हाई-टेंशन तार की चपेट में आ गए थे, जिसमें उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई थी। आलम यह था कि उनके दोनों हाथ और एक पैर शरीर से अलग करने पड़े थे। लेकिन इसे उन्होंने कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया और कोहनी से लिखना सीख लिया।

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सफलता मिलने के बाद शिवम ने मीडिया से बातचीत में कहा-'मैं डॉक्टर बनना चाहता हूं, ताकि मेरे जैसे लोगों की सेवा कर सही कर सकूं। 

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शिवम ने  अन्य छात्रों संदेश देते हुए कहा-आप अगर कड़ी मेहनत करेंगे तो सफलता आपके कदम चूमेगी। ताकि आपका एक सुनहरा भविष्य बन सके।

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बता दें कि शिवम की परिवारिक हालत ज्यादा ठीक नहीं है। उनके पिता वडोदरा म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन में चौथी श्रेणी के कर्मचारी हैं। इसके बावजदू भी शिवम ने अपने हौसले बनाए रखे।

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बेटे की सफलता पर शिवम के पिता का कहना है कि 'मैं चाहता हूं उसके सारे सपने पूरे हों। मैं राज्य सरकार और मुख्यमंत्री से भी अपील करना चाहता हूं कि मेरे बेटे की पढ़ाई पूरी करने के लिए मेरी और उसकी मदद करें।

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शिवम ने ने दोनों हाथ और एक पैर खो देने के बाद अब कोहनी से लिखना सीख लिया  है।

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