चलते-चलते चप्पलें टूटीं, मगर मासूमों की हिम्मत नहीं, हर कदम पर दिया मां-बाप का साथ, इमोशनल तस्वीरें

अहमदाबाद, गुजरात. ये तस्वीरें लॉकडाउन में मासूमों की फजीहत और उनकी हिम्मत दोनों को दिखाती हैं। यह सच है कि लॉकडाउन में फंसे मजदूर बेबस होकर पैदल ही अपने घरों को निकल पड़े हैं। उनके साथ मासूम बच्चे भी हैं। चलते-चलते रास्ते में उनके जूते-चप्पल टूट गए, बावजूद वे थककर रुक नहीं रहे। उन्होंने मां-बाप के साथ कदम-दर-कदम मिलाते हुए हजारों मील लंबा रास्ता नाप लिया। देखिए लॉकडाउन के दौरान बच्चों से जुड़ीं ऐसी ही कुछ मार्मिक तस्वीरें..

Asianet News Hindi | Published : May 22, 2020 10:07 AM IST / Updated: May 22 2020, 03:47 PM IST

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चलते-चलते चप्पलें टूटीं, मगर मासूमों की हिम्मत नहीं, हर कदम पर दिया मां-बाप का साथ, इमोशनल तस्वीरें

पहली तस्वीर अहदाबाद की है। नरोड मेम्को एक श्रमिक अपनी बेटी के साथ कालूपुर जा रही थी। रास्ते में बच्ची की एक चप्पल टूट गई। वो एक चप्पल पहनकर ही तपती सड़क पर चलती रही। दूसरी तस्वीर 10 साल की एक बच्ची की है। वो नंगे पांव चंडीगढ़ के पास से यूपी के उन्नाव के लिए जा रही थी।

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यह तस्वीर पटियाला की है। पैदल चलकर थककर बेसुध-सी हुई मां को प्यार से उठाती बच्ची।

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यह तस्वीर गाजियाबाद की है। कुछ ऐसे सफर करना पड़ रहा बच्चों को।

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यह तस्वीर राजस्थान की है। गर्मी में पैदल चलकर थकने के बाद कुछ यूं सो गया मासूम।
 

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पहली तस्वीर में दिखाई दे रहा मजदूर यूपी के गोरखपुर का रहने वाला है। उसने घर जाने के लिए ट्रेन में सीट बुक कराई थी, लेकिन नहीं मिली। आखिरकार उसने बच्चों को पालकी में बैठाया और हिम्मत करके 1000 किमी दूर अपने घर के लिए निकल पड़ा। दूसरी तस्वीर आंध्र प्रदेश के कडपा जिले की है। यह मजदूर 8 लोगों के परिवार के साथ 1300 किलोमीटर दूर छत्तीसगढ़ जाने के लिए निकला था। उसने अपने मासूम बच्चों को पालकी में बैठा रखा था। 

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यह तस्वीर भोपाल से सामने आई थी। यह मासूम बच्चा अपने मां-बाप और छोटे भाई के साथ 700 किमी दूर छत्तीसगढ़ के मुंगेली गांव जाता दिखाई दिया था। बच्चा पैदल ही नंगे पैर चला जा रहा था।

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यह बच्चा ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले से छत्तीसगढ़ के जांजगीर पहुंचा था। करीब 215 किमी उसे पैदल चलना पड़ा। कहीं-कहीं लिफ्ट भी मिली। जब ये जांजगीर पहुंचा, तो उसके नंगे पैर देखकर बिर्रा थाने के प्रभारी तेज कुमार यादव भावुक हो उठे। उन्होंने बच्चे को नई चप्पलें दिलवाईं और उसके परिवार को खाना खिलवाया। इसके बाद गाड़ी का इंतजाम करके सबको घर तक पहुंचवाया।

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यह तस्वीर मध्य प्रदेश से सामने आई थी। पश्चिम बंगाल के मालदा की खातून 2500 किमी का सफर पैदल करते दिखाई दी थीं। हैरानी की बात उनकी गोद में मासूम बच्चा था।

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पहली तस्वीर फरीदाबाद की है। एक पैर से विकलांग यह बच्ची अपने परिवार के साथ पैदल घर को निकली थी। दूसरी तस्वीर 10 साल की एक बच्ची की है। वो नंगे पांव चंडीगढ़ के पास से यूपी के उन्नाव के लिए जा रही थी।

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