गजब पॉलिटिक्स: मोदी को छोड़ गुजरात में BJP का कोई CM नहीं कर सका 5 साल पूरा,हर मुख्‍यमंत्री की एक कहानी

अहमदाबाद. गुजरात में अपना कार्यकाल पूरा करने से पहले ही मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जबकि अभी विधानसभा चुनाव होने में 15 महीन का वक्त है। सीएम के इस कदम से अचानक राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। अभी तक इसकी वजह तो सामने नहीं आई है। हालांकि कई कयास लगाए जा रहे हैं। बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के लिए गुजरात में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही प्रदेश के ऐसे सीएम रहे हैं, जिन्होंने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया है। बाकी भाजपा सरकार के जितने भी मुख्यमंत्री रहे हैं उन्हें कार्यकाल पूरा होने से पहले ही कुर्सी छोड़ दी है। आइए जानते हैं इन मुख्यमंत्रियों के बारे में...

Asianet News Hindi | Published : Sep 11, 2021 1:24 PM IST / Updated: Sep 11 2021, 07:01 PM IST
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गजब पॉलिटिक्स: मोदी को छोड़ गुजरात में BJP का कोई CM नहीं कर सका 5 साल पूरा,हर मुख्‍यमंत्री की एक कहानी

दरअसल, विजय रूपाणी ने 7 अगस्त 2016 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। सरकार का कार्यकाल नवंबर 2022 में खत्म होना है, लेकिन एक साल पहले ही सीएम की कुर्सी छोड़ दी। गुजरात की सियासत में एक दिलचस्प बात यह भी रही है भाजपा की तरफ से नरेंद्र मोदी के अलावा जिस भी सीएम ने सत्ता संभाली उसे जाना ही पड़ा है। इस तरह बीजेपी ने गुजरात में अब तक 7 बार अपने मुख्यमंत्री बदले।

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बता दें कि गुजरात में सबसे पहले भाजपा ने 1995 में अपनी सरकार बनाई थी। इस दौरान बीजेपी ने केशुभाई पटेल को नेतृत्व देते हुए राज्य का पहला मुख्यमंत्री बनाया। उऩ्होंने 1995 में 182 सीटों में से 121 सीटें जीती थीं। लेकिन संयोग बस वह भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।

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केशुभाई पटेल को सिर्फ 221 दिन बाद ही अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। उनकी जगह पर  सुरेश मेहता को सत्ता सौंपते हुए नया मुख्यमंत्री बनाया गया। लेकिन संयोग बस मेहता भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। क्योंकि भाजपा के ही कई नेतआों ने मेहता को पसंद नहीं किया और सरकार गिर गई। तीन साल बाद ही गुजरात में 1998 में मध्याविधि चुनाव हुए और फिर से बीजेपी ने 182 में से 117 सीट जीतीं। एक बार फिर केंद्रीय आलाकमान ने  केशुभाई पटेल को सीएम बनाया, लेकिन फिर भी वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। इस तरह  चुनाव से एक साल पहले ही उन्हें अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी।

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2001 में आए भूकंप के बाद गुजरात की सियासत में नरेंद्र मोदी की एंट्री हुई। इस तरह मोदी को 2002 में होने वाले चुनाव से एक साल पहले सीएम की कुर्सी सौंपी गई। कुछ महीनों बाद विधानसभा चुनाव हुए और भाजपा को फिर सत्ता मिली। इस तरह से राज्य के 22वें मुख्यमंत्री बने मोदी लगातार 13 सालों तक इस पद पर बने रहे। उऩ्होंने एक नहीं, बल्कि दो-दो कार्यकाल पूरे किए। लेकिन तीसरे कार्यकाल से पहले मोदी को केंद्र की राजनीति में एंट्री हो गई। वह 2014 में देश के प्रधानमंत्री बने।

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नरेंद्र मोदी 2014 में देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद गुजरात सीएम की कुर्सी फिर खाली हो गई। इसके बाद आनंदीबेन पटेल पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं। लेकिन दो साल तक पद पर बने रहने के बाद  75 वर्ष की आनंदी बेन ने अपनी उम्र का हवाला देकर अपना इस्तीफा दे दिया। 

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साल 2016 में विजय रूपाणी मुख्यमंत्री बनाए गए। एक साल बाद 2017 विधानसभा चुनाव हुए और बीजेपी को जीत मिली। फिर रुपाणी को ही सीएम बनाया गया। लेकिन अब  गुजरात में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया है।

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