300 किलो की महिला: गल चुका शरीर, पास जाने में लगता है डर..उठाने के लिए बुलाना पड़ा फायर ब्रिगेड

राजकोट (गुजरात). भागमभाग वाली जिंदगी में बढ़ता वजन हर किसी के लिए परेशानी की बना हुआ है। अगर किसी का दो किलो भी वेट बढ़ जाए तो उसे चिंता होने लगती है। क्योंकि इसका असर हेल्थ ही नहीं आपके पर्सनल व्‍यक्त्तित्‍व पर भी पड़ता है। गुजरात से एक ऐसी कहानी सामने आई है जो सभी के लिए सोचने पर मजबूर कर देगी। यहां एक महिला को वजन के कारण उसे कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जिसका वजन कोई 100 या 150 किलो नहीं, बल्कि पूरा 300 किलो है। जो अपनी जगह से हिल तक नहीं पाती है, जिसको उठाने के लिए फायर विभाग को बुलाना पड़ा। पढ़िए हैरान कर देने वाली यह कहानी...

Asianet News Hindi | Published : Mar 16, 2021 7:11 AM IST / Updated: Mar 16 2021, 01:16 PM IST
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300 किलो की महिला: गल चुका शरीर, पास जाने में लगता है डर..उठाने के लिए बुलाना पड़ा फायर ब्रिगेड


यह महिला राजकोट जिले की रहने वाली है, जिसका नाम सरलाबेन है। जिसका 300 किलोग्राम वजनी शरीर उसके लिए समस्या बन गया है।  जिसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए 15 से 20 लोगों की जरुरत पड़ती है। पिछले कई दिन से वह एक की स्थान पर पड़ी हुई थी, जिसके चलते  उनका शरीर सड़ने लगा था। उन्हें असहनीय दर्द भी हो रहा था। उनकी मदद के लिए राजकोट का साथी सेवा ग्रुप आगे आया।

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सरलाबेन को अस्पताल ले जाने के लिए पहले तीन अलग-अलग आकार की एंबुलेंस बुलाई गईं, लेकिन वो उनमें नहीं जा सकीं। आखिर में फायर विभाग के कर्मचारियों की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उनके बढ़े वजन के हिसाब से जब कोई बेड नहीं मिला तो महिला को पहले जमीन पर ही लिटा दिया गया। इसके बाद समाजसेवी लोगों की विनंती पर उन्हे बड़ा किंग साइज का बेड मुहैया करवाया गया। 

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सरलाबेन को लोग जब घर से अस्पताल लेकर आए तो उनका शरीर देखकर डर गए। क्योंकि एक ही जगह पर लेटे-लेटे उनके शरीर में घाव बन चुके थे। जिनकें कीड़े दिख रहे थे। कई लोग तो बदबू आने के चक्कर में पास तक नहीं गए। लेकिन साथी सेवा ग्रुप की मदद से उन्हें इलाज के लिए लाया जा सका।

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बता दें कि सरलाबेन के पति कांतिभाई पित्रोदा दुबई में मजदूरी करते हैं। जो पिछले 10 साल से घर नहीं आए थे। लेकिन इस समय वह अपनी पत्नी के साथ हैं। उन्होंने ही सरलाबेन को अस्तपताल तक पहुंचाने के लिए NGO से मदद मांगी थी। उनका एक 13 साल का बेटा है, जो दिन रात अपनी मां की सेवा में लगा रहता है।

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सरलाबेन का इलाज कर रहे राजकोट सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया है कि महिला को अहमदाबाद के अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। जिसमें मदद के लिए भी एनजीओ साथी सेवा ग्रुप ने सहमति जताई है। संस्था के लोगों का कहना है कि वह हर लेवल पर सरलाबेन की मदद करेंगे।

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