9 महीने में 15 बार हिली दिल्ली, अगर 8 की तीव्रता वाला भूकंप आया...फिर क्या होगा?

दिल्ली में 17 दिसंबर की रात करीब 11.45 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। इससे पहले 2 दिसंबर को सुबह 4.5 मिनट पर भी भूकंप आया था। इसकी तीव्रता 2.7 थी। दिल्ली-एनसीआर में अप्रैल से अब तक यानी 9 महीने में 15 बार झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर ऑफ सिस्मलॉजी(NCS) के पूर्व प्रमुख डॉ. एके शुक्ला अलर्ट करते हैं कि राजधानी की हिमालय बेल्ट से सबसे अधिक खतरा है। यहां 8 की तीव्रता वाला भूकंप भी आ सकता है। आगे पढ़ें भूकंप से जुड़ी और जानकारियां...

Amitabh Budholiya | Published : Dec 19, 2020 12:04 PM IST / Updated: Dec 19 2020, 05:53 PM IST
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9 महीने में 15 बार हिली दिल्ली, अगर 8 की तीव्रता वाला भूकंप आया...फिर क्या होगा?

फैक्ट: अब तक का सबसे भयंकर भूकंप 22 मई, 1960 को चिली में आया था। इसने आसपास के कई शहरों को बर्बाद कर दिया था।

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फैक्ट: भूकंप (Earthquake) भूमि के अंदर होने वाली हलचल या कंपन है। इसमें जब चट्टाने पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण घिसकती हैं, तो धरती कांप उठती है। इसकी कंपन एक तरंग के रूप में होती है और दूर तक उसका असर होता है।

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फैक्ट:भूकंप सबंधी घटनाओं का अध्ययन भूकंप विज्ञान(Seismology) के अंतर्गत होता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि भूकंप से पहल वायुमंडल में रेडॉन गैस की मात्रा बढ़ जाती है। इसी की मात्रा से भूकंप की क्षमता और आने का संकेत मिलता है।

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फैक्ट:भूकंप का कारण ज्वालामुखी में हलचल, भू-प्लेटों में घर्षण, जमीन में जमा गैसें आदि होता है। वहीं,बड़े बांध आदि भी भूकंप लाते हैं।
 

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फैक्ट: भूकंप मापने के लिए एक यंत्र प्रयोग में लाया जाता है। इस यंत्र को सीस्मोमीटर(Seismometer) कहते हैं। भूकंप के दौरान कागज पर बनने वाला ग्राफ सीस्मोग्राफ कहलाता है।

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फैक्ट: वैज्ञानिक मानते हैं कि भूकंप से पहले आसपास के जलाशयों, आदि पानी के स्त्रोतों से अजीब से दुर्गंध आने लगती है। ऐसा जमीन के अंदर से गैसों का निकलना होता है।
 

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फैक्ट: वैज्ञानिक कहते हैं कि भूकंप के कारण जमीन से जो ऊर्जा निकलती है, वो 1945 में जापान में गिराए गए परमाणु बम से निकली ऊर्जा से भी 100 गुना ज्यादा होती है।

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फैक्ट: भूकंप की तीव्रता मापने वाले रिक्टर स्केल का आविष्कार 1935 में हुआ था। इसे अमेरिकी वैज्ञानिक चार्ल्स रिक्टर ने तैयार किया था।

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फैक्ट: 2.0 से 3.0 की तीव्रता वाले भूकंप से जान-माल को नुकसान नहीं होता। लेकिन जब यह 6.2 तक पहुंचता है, तो तबाही मचा देता है। इससे अधिक तीव्रता का मतलब महाविनाश।

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फैक्ट: नेशनल अर्थक्वेक इन्फॉर्मेशन सेंटर हर साल 20000 भूकंप रिकॉर्ड करता है। हालांकि इसमें से कुछ ही ऐसे होते हैं, जिनसे नुकसान पहुंचता है।

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