ऐसे होता है किसी राजा-महाराजा का राजतिलक, विभिन्न राज्यों की मिट्टी और पवित्र नदियों के जल से होता है अभिषेक
राजकोट, गुजरात. ये तस्वीरें राजकोट के राजघराने के वरिष्ठ सदस्य मांधाता सिंहे जाडेजा के राजतिलक समारोह की हैं। कार्यक्रम में गुजरात के सीएम विजय रूपाणी के अलावा शंकराचार्य स्वरूपानंद और कई मंत्री, सांसद और विधायक शामिल हुए। 4 दिवसीय तिलक समारोह में 7000 दीपक जलाकर एक रिकॉर्ड बनाया गया। गुरुवार को राजपरिवार के 17वें ठाकुर मांधाता सिंह का तिलक रणजीत विलास पैलेस में शाही अंदाज में किया गया। सीएम ने खुद मांधाता को तिलक किया। इससे पहले 51 राजपुरोहितों ने एक साथ मंत्रोच्चार करके तिलक का आगाज किया। उल्लेखनीय है कि राजतिलक समारोह राजगद्दी से जुड़ी 400 साल पुरानी भारतीय परंपरा है। राजा-महाराजाओं के शासकाल में राजतिलक का उद्देश्य राजा-महाराजाओं को प्रजा के प्रति उत्तरदायी बनाना होता है। नगर भ्रमण का मकसद अपनी प्रजा से मिलना होता है।
राजतिलक के लिए विभिन्न राज्यों की मिट्टी मंगाई गई थी। इसके अलावा गंगा-यमुना और साबरमती नदियों का पवित्र जल से मांधाता का अभिषेक किया गया।
तिलक समारोह में 2,126 राजपूत युवतियों ने तलवार के साथ रास करके 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
राजकोट को सौराष्ट्र का सबसे प्रतिष्ठित राजघराना माना जाता है। राजतिलक समारोह से पहले राजसूर्य यज्ञ कराया गया। इसके बाद मांधाता अपने बेटे जयदीप के साथ नगर भ्रमण पर निकले।
समारोह में 25 विंटेज कारों के अलावा 15 घोड़े और सजा-धजा हाथी शामिल किया गया था। इस मौके पर 50 से ज्यादा रजवाड़ों के सदस्यों ने मांधाता का स्वागत किया।
रणजीत पैलेस में आयोजित राजतिलक के लिए देश के करीब 100 राजपरिवारों और नामचीन हस्तियों को न्यौता भेजा गया था। यह समारोह 30 जनवरी तक चला।
51 राजपुरोहितों ने एक साथ मंत्रोच्चार करके तिलक का आगाज किया।
राजतिलक के बाद राजकोट की जनता को अपना संदेश देते मांधाता सिंह।