नवरात्रि में भगवान बने सोनू सूद, दुर्गा पंडाल में हो रही उनकी पूजा..देखिए दिल छू लेने वाली तस्वीरें

कोलकाता. लॉकडाउन में मजदूरों के लिए बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद (Sonu Sood) मसीहा बनकर सामने आए। जिन्होंने लाखों लोगों को इस महामारी के दौर में अपने घर ही नहीं पहुंचाया बल्कि उनको रोजगार भी दिया। उनकी यह मुहिम अभी तक जारी है, जिसके चलते वह गरीबों की मदद कर रहे हैं। जनता उनको भगवान मानने लगी है। इन दिनों सोनू सूद कोलकाता की दुर्गा पूजा में सुर्खियों में हैं। जहां लोगों ने उनकी मूर्ति को दुर्गा पंडालों में लगाई है। भक्त देवी मां की पूजा करने के बाद उनकी भी आरती उतार कर आभार जता रही है।
 

Asianet News Hindi | Published : Oct 22, 2020 9:12 AM IST / Updated: Oct 22 2020, 02:57 PM IST

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नवरात्रि में भगवान बने सोनू सूद, दुर्गा पंडाल में हो रही उनकी पूजा..देखिए दिल छू लेने वाली तस्वीरें


सोनू सूद इस तरह लोगों के मसीहा बने हुए हैं कि उनके फैंस उन्हें 'भारत रत्न' दिलवाने सरकार से मांग कर रहे हैं। इतना ही नहीं कुछ लोगों ने ते इस एक्टर के नाम पर अपनी दुकान का नाम रखा है तो किसी ने अपने घर का नाम सोनू हाऊस रख लिया। एक्टर की पंडालों में मूर्ति लगाने पर सोनू सूद ने  रिएक्शन दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'मेरा अब तक का सबसे बड़ा अवार्ड है।

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वहीं कोलकाता के केशोपुर प्रफुल्ल कानन पंडाल में देवी मां की मूर्ति के साथ ही प्रवासी मजदूरों की भी प्रतिमाएं लगाई गई हैं। जहां मजदूरों का दर्द दिखाया गया है। किस तरह वह महामारी के दौर के में अपने काम को छोड़कर घर वापस आ रहे हैं। 
 

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कमेटी के मेंबर सृंजय दत्ता ने मीडिया को बताया कि एक्टर सोनू सूद की मूर्ति इसलिए लगवाई गई है, ताकि लोग उनसे कुछ सीख ले सकें। किस तरह उन्होंने संकट के दौर में आगे आकर लोगों की मदद की थी। . साथ ही सोनू सूद की तरह ही और भी लोग जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए आगे आए।

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सोशल मीडिया पर यह तस्वीर खूब वायरल हुई थी। जहां 15 वर्षीय बिहार की बेटी ज्योति कुमारी अपने पिता को साइकिल पर बैठा 1200 किलोमीटर चलकार  गुरुग्राम से दरभंगा तक ले गई थी। इस तस्वीर को देखकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल ट्रम्प की बेटी इवांका ने भावुक कमेट्स भी किए थे। जिसके बाद ज्योति रातोंरात स्टार बन गई थी।
 

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लॉकडाउन के दौरान मजदूरों की यह तस्वीरें देख लोगों का दिल दहल जाता था। किस तरह वह भीषण गर्मी में नंगे पैर और भूख रहकर हजारों किलोमीटर पैदल चलते थे। वहीं कुछ महिलाएं तो गर्भवती होने के साथ साथ बच्चों को गोद में लेकर सफर पर निकल पड़ती थीं।
 

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कोलकाता के दुर्गा पंडालों में मजदूरों के दर्द को दिखाया गया है। यह तस्वीर उस वक्त ही जब महाराष्ट्र में पटरी पर सोते समय मजदूरों की हादसे में मौत हो गई थी।

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समिति ने इस तस्वीर में सोनू सूद के साथ-साथ उनकी टीम की मूर्ति भी लगाई गई है। जहां वह किस तरह से मजदूरों को बस में बैठाकर उन्हें अपने घर पहुंचा रहे हैं।

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लॉकडाउन में घर पहुंचने की चाहत में कई मजदूरों ने पैदल चलते चलते रास्ते में दम तोड़ दिया। वहीं कुछ बीच में ही बीमार पड़ गए। इस तस्वीर में उस बुरे वक्त को याद करते हुए ही यह मर्ति लगाई गई है।

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