कोरोनावायरस: बस में हाथ जोड़े बेबस बैठी थी पत्नी..रहे थे आंसू, पति को यूं दी अंतिम विदाई
सूरत, गुजरात. यह तस्वीर एक सबक भी और और मिसाल भी। कोरोनावायरस ने एक पत्नी को उसके पति के अंतिम दर्शन भी ठीक से नहीं करने दिए। पत्नी बेबस होकर बस में बैठी रही और वहीं से हाथ जोड़कर पति को अंतिम विदाई दी। उसे मालूम था कि संक्रमण रोकने उसे दिल पर पत्थर रखना ही पड़ेगा। इस महिला के पति की कोरोना से मौत हो गई थी। महानगरपालिका ने उमरा श्मशान घाट पर बुजुर्ग का अंतिम संस्कार किया। इस दौरान वहां किसी को भी नहीं आने दिया गया। सभी परिजन श्मशान भूमि से बाहर खड़े रहे। अंतिम संस्कार के बाद मृतक के परिजनों को सीधे क्वारेंटाइन वार्ड समरस हॉस्टल ले जाया गया।
महानगरपालिका ने बुजुर्ग की अस्थियां भी परिजनों को नहीं दीं। ऐसा वायरस फैलने से रोकने के लिए किया गया।
यह तस्वीर भुवनेश्वर की है। लॉक डाउन ने जैसे दुनिया सूनी कर दी है। ऐसे में गरीबों के लिए खाने-पीने का इंतजाम करना दिक्कत बन गया है। जरूरत ऐसे लोगों की मदद की है।
यह तस्वीर मुंबई के एक मछली मार्केट की है। यही नासमझ और लापरवाह लोग कोराना संक्रमण फैलाने के कारण बन सकते हैं। ऐसे लोगों से दूर रहें और उन्हें समझाइश दें।
यह तस्वीर असाम के गुवाहाटी की है। लॉकडाउन के दौरान जब तक बहुत जरूरी न हो, घर से न निकलें।
यह तस्वीर मुंबई की है। कोरोनावायरस से बचने के लिए जरूर है कि दूरियां रखी जाएं। क्योंकि जिंदगी रही, तो मिलना दुबारा होगा..बेहतर है जब तक खतरा टल नहीं जाता..दूरी बनाए रखें।