28 अप्रैल की सुबह करीब 4 बजे कृष्णा को सांस लेने में दिक्कत होने लगी थी। उसके पिता फौरन कार में उसे लेकर सुजानपुर और फिर एम्बुलेंस से पठानकोट के अस्पतालों में भटकते रहे, लेकिन कहां उसे इलाज नहीं मिला। करीब डेढ़ घंटे यहां से वहां और वहां से यहां भटकते रहने के दौरान बच्चे ने दम तोड़ दिया। बच्चे के पिता की हेल्प के लिए साथ आए डॉ. धीरज ने बताया कि सुजानपुर सीएचसी की इमरजेंसी में कोई डॉक्टर तक नहीं मिला। इसके बाद वे बच्चे को 108 एम्बुलेंस से सुबह 4.55 बजे पठानकोट के सिविल अस्पताल पहुंचे। इस दौरान वे और बच्चे के पिता मुंह से उसे सांस देते रहे। इस मामले की शिकायत पीएमओ और सीएम के ट्वीटर अकाउंट पर की गई है।