2. मंत्रिमंडल में भी नहीं चली: सीएम की कुर्सी आते-आते नाक के नीचे से निकल गई, लेकिन वह कुछ नहीं कर सके। अब बात आई मंत्रिमंडल के विस्तार की इसमें भी सिद्धू के पसंद के लोग मंत्री नहीं बन सके। चन्नी की कैबिनेट में सुखविंदर सिंह रंधावा को गृह मंत्री बना दिया गया, जबकि सिद्धू अपने किसी करीबी को यह कुर्सी सौंपना चाहते थे।