चंडीगढ़. पहली तस्वीर मोहाली के सेक्टर-76 की है। अपनी नवजात बच्ची के साथ यह मां घर जाने के लिए निकली है। यहां से सरकार ने बसों का इंतजाम किया था। बावजूद मां को पता है कि उसे परेशान होना पड़ेगा। दूसरी तस्वीर गुरुग्राम की है। यहां भी एक मासूम जब बैठे-बैठे थक गई, तो वो यूं सो गई। ऐसी तस्वीरें देशभर से सामने आ रही हैं। प्रवासी मजदूरों के बच्चों को भी बड़ों के साथ बराबर की पीड़ा भुगतनी पड़ रही है। न खाने के ठिकाने और न यह पता कि और कितना पैदल चलना पड़ेगा। 10-12 दिन पहले रजिस्ट्रेशन के बाद भी इन लोगों को खबर नहीं होती कि स्पेशल ट्रेन कब मिलेगी? कुछ इंतजार नहीं कर पाते..उनका सब्र जवाब दे जाता है, तो वे पैदल ही घर को निकल पड़ते हैं। देखिए ऐसी ही कुछ तस्वीरें..