ओह मां: कोई मासूम गोद में..तो किसी का हाथ पकड़े मीलों पैदल चलते बच्चों को देखकर क्यों नहीं रोएंगी मांएं

चंडीगढ़. पहली तस्वीर मोहाली के सेक्टर-76 की है। अपनी नवजात बच्ची के साथ यह मां घर जाने के लिए निकली है। यहां से सरकार ने बसों का इंतजाम किया था। बावजूद मां को पता है कि उसे परेशान होना पड़ेगा। दूसरी तस्वीर गुरुग्राम की है। यहां भी एक मासूम जब बैठे-बैठे थक गई, तो वो यूं सो गई। ऐसी तस्वीरें देशभर से सामने आ रही हैं। प्रवासी मजदूरों के बच्चों को भी बड़ों के साथ बराबर की पीड़ा भुगतनी पड़ रही है। न खाने के ठिकाने और न यह पता कि और कितना पैदल चलना पड़ेगा। 10-12 दिन पहले रजिस्ट्रेशन के बाद भी इन लोगों को खबर नहीं होती कि स्पेशल ट्रेन कब मिलेगी? कुछ इंतजार नहीं कर पाते..उनका सब्र जवाब दे जाता है, तो वे पैदल ही घर को निकल पड़ते हैं। देखिए ऐसी ही कुछ तस्वीरें..

Asianet News Hindi | Published : May 18, 2020 5:32 AM IST / Updated: May 18 2020, 11:04 AM IST
111
ओह मां: कोई मासूम गोद में..तो किसी का हाथ पकड़े मीलों पैदल चलते बच्चों को देखकर क्यों नहीं रोएंगी मांएं

पहली तस्वीर गुरुग्राम की है। बस के इंतजार में व्याकुल बैठी महिला की गोद में सोती बच्ची। महिला के चेहरे पर तनाव साफ देखा जा सकता है। दूसरी तस्वीर मोहाली की है। ऐसे नवजात बच्चों के साथ सैकड़ों मांओं को परेशान देखा जा सकता है।

211

पैदल चलते-चलते जब थक गया प्रवासी मजदूर का बच्चा, तो यूं सो गया।

311

पैदल चलते हुए जब बच्चे को भूख-प्यास लगी, तो मां ने सड़क पर ही छतरी लगाकर उसे खिलाया-पिलाया और सुला दिया।

411

प्रवासी महिलाओं की जिंदगी हमेशा से कठिन रही है, लेकिन ऐसे दिन भी आएंगे, कभी नहीं सोचा था।

511

अपने मासूम बच्चे के चेहरे के भाव पढ़ती निराश मां। उसे नहीं मालूम कि घर कब तक पहुंच पाएंगे।

611

अपने बच्चे को धूप से बचाती एक प्रवासी मजदूर मां।

711

ऐसे सैकड़ों मां-बाप सड़क पर दिख जाएंगे..जिनकी गोद में नवजात बच्चे हैं।

811

भूख-प्यास से मारे ऐसे सैकड़ों बच्चे सड़क पर बेसुध से पड़े देखे जा सकते हैं।

911

इन बच्चों को नहीं मालूम कि यह सब क्या हो रहा है?

1011

पीठ पर लदा एक बच्चा। ऐसे दृश्य देशभर में इन दिनों आम हो चले हैं।

1111

इस बच्चे के लिए मानों यह सबसे कीमती चीज रही होगी।
 

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos