एक साथ जलीं 21 चिताएं तो दहाड़े मार कर हर कोई रोया, एक चिता पर पति पत्नी तो दूसरी पर लेटे थे बच्चे

कोटा (राजस्थान). बूंदी बस हादसे में मारे गए 24 लोगों के शवों को जब कोटा लाया गया तो उनको देखने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा। परजिन दहाड़े मारकर रो रहे थे, हर तरफ उनकी चीखें सुनाई दे रहीं थी। जैसे ही 21 लोगों की अर्थियां एक साथ निकली हर कोई इस शव यात्रा में रोता हुआ शामिल हुआ। सबकी जुबान से  यही बात निकली कि आज तक इतना भयानक मंजर नहीं देखा। हे भगवान, ऐसी ह्रदय विदारक घटना फिर कभी न हो। आलम यह था कि एक चिता पर पति-पत्नी तो दूसरी पर उनके बच्चे लेटे हुए थे। बता दें, 26 फरवरी दिन बुधवार सुबह 10 बजे बूंदी की मेज नदीं में एक बारातियों से भरी बस गिर गई थी। बस में कुल 30 लोग सवार थे। जिसमें 24 की मौके पर मौत हो गई, जबकि 6 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। मामा पक्ष अपनी भांजी प्रीति की शादी के लिए कोटा से सवाई माधोपुर जा रहा था।  

Asianet News Hindi | Published : Feb 27, 2020 6:04 AM IST / Updated: Feb 27 2020, 02:41 PM IST

111
एक साथ जलीं 21 चिताएं तो दहाड़े मार कर हर कोई रोया, एक चिता पर पति पत्नी तो दूसरी पर लेटे थे बच्चे
21 लोगों की एक साथ निकली अंतिम यात्रा में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी शरीक हुए।
211
हादसे में मरने वालों में कोटा व बूंदी के रहने वाले थे। इस हादसे में मौके पर 24 लोगों की मौत हो गई थी। जिसमें से 21 शवों का अंतिम संस्कार एक साथ किशोरपुरा मुक्ति धाम में किया गया। वहीं दो के शवों को परिजन पलायथा लेकर गए जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया। और एक मृतक का कोटा के आरके पुरम मुक्तिधाम में हुआ।
311
हादसे की खबर आते ही कोटा में मातम का माहौल हो गया। शहरवासी जवाहरनगर स्थित मृतक के मकान के बाहर एकत्र होना शुरू गए। जैसे ही शवों को लाया गया, अंतिम यात्रा में लोगों का जुड़ना शुरू हो गया।
411
इस दर्दनाक एक्सीडेंट में मरने वालों में दो परिवार ऐसे थे, जिनमें पति-पत्नी और एक-एक बच्चे की मौत हो गई और एक-एक बच्चा बच गया। जैसे ही गांव के लोगों को इस हादसे की खबर लगी तो पूरा गांव मृतकों के घर नम आंखों से दौड़ पड़ा। परिजन बुरी तरह चीख-चीखकर अपने बेटे-बहू का नाम ले रहे थे।
511
24 लोगों के शव एक साथ कोटा पहुंचने पर जवाहर नगर में कोहराम मच गया। पूरा शहर गमगीन हो गया हर कोई रो रहा था।
611
हादसे के बाद 21 अलग-अलग एंबुलेंस से सभी मृतकों के शवों को श्मशान घाट ले जाया गया।
711
अपनों के शवों को देखकर हर किसी की आंखें नम थीं, सब यही बोल रहे थे कि कुछ घंटों पहले ही तो वह नए-नए कपड़े पहन कर भांजी की शादी में गए थे।
811
जानकारी के अनुसार, बस में कोटा के मुरारी लाल धोबी अपने परिवार के साथ सवाई माधोपुर जा रहे थे। वहां उनकी भांजी की शादी थी और वो मायरा (एक रस्म) लेकर परिजनों और करीबियों के साथ जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में यह हादसा हो गया।
911
बूंदी जिले के कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने मौके पर पहुंकर मरनवालों की संख्या की पुष्टि की थी। बस के नदी में गिरने की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई थी, लेकिन मरने वालों को नहीं बचा पाए।
1011
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आगे का टायर निकलने के बाद बस अनियंत्रित हो गई थी।
1111
हादसे के बाद राज्य सरकार ने दुर्घटना में मरने वाले परिजनों को 2-2 लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की है।
Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos