इससे पहले जब कर्नल का पार्थिव शरीर जयपुर पहुंचा, तो उसे लेने पत्नी पल्लवी और बेटी तमन्ना के अलावा कर्नल के भाई पीयूष भी गए थे। सेना के अधिकारियों ने जब पल्लवी को उनके पति की वर्दी और दूसरा सामान सौंपा, तो उसे अपने हाथों में लेते समय पल्लवी की आंखें भर आईं। बेटी भी अपने पापा का सामान देखकर रो पड़ी। लेकिन कुछ ही सेकंड में दोनों मुस्करा दीं। उन्होंने कहा कि वे(आशुतोष) अपना फर्ज निभाकर चले गए, अब बाकी की जिम्मेदारी उनकी है। आशुतोष अपनी बेटी को आईपीएस बनाना चाहते थे। पल्लवी कहती हैं कि अब उनकी बेटी पुलिस अफसर बनकर समाज की सेवा करेगी।